उत्तराखण्ड : अखिल भारतीय शैक्षिक विमर्श एवं शिक्षक सम्मान समारोह के अन्तर्गत हरिद्वार में 8-9जून 2019 को होने वाले मंथन कार्यक्रम में इनोवेटिव टीचर्स एवार्ड का होगा वितरण, करें प्रतिभागिता सुनिश्चित
〰♦सूचना♦〰
सम्मानित साथियों,
सादर अभिवादन
हरिद्वार में 8-9जून 2019को होने वाले मंथन कार्यक्रम में इनोवेटिव टीचर्स एवार्ड हेतु देश के कोने कोने से बेहतरीन सरकारी शिक्षक साथियों ने अपनी प्रविष्टियां भेजी है।नवाचारी कार्यक्रम व उल्लेखनीय उपलब्धियों के आधार पर चयनित टीचर्स की सूची कल तक जारी कर दी जाएगी ।
करीब 2370 मेल पर हमारे जूरी मैंबर्स ने बेहद उत्कृष्ठ साथियों का चयन इस अवार्ड के लिये किया है।अभी 15 तक प्रविष्टियों को आमंत्रित किया गया है।
〰〰〰〰〰〰
〰〰〰
सम्मानित साथियों,
सादर अभिवादन
हरिद्वार में 8-9जून 2019को होने वाले मंथन कार्यक्रम में इनोवेटिव टीचर्स एवार्ड हेतु देश के कोने कोने से बेहतरीन सरकारी शिक्षक साथियों ने अपनी प्रविष्टियां भेजी है।नवाचारी कार्यक्रम व उल्लेखनीय उपलब्धियों के आधार पर चयनित टीचर्स की सूची कल तक जारी कर दी जाएगी ।
करीब 2370 मेल पर हमारे जूरी मैंबर्स ने बेहद उत्कृष्ठ साथियों का चयन इस अवार्ड के लिये किया है।अभी 15 तक प्रविष्टियों को आमंत्रित किया गया है।
〰〰〰〰〰〰
〰〰〰
✒जून माह के पहले पखवाडे मे हरिद्वार में देशभर से नवाचारी शिक्षक जुटेंगे।सरकारी शिक्षा की बेहतरी में नवाचारी शिक्षण की भूमिका विषयक मंथन कार्यक्रम अभ्युदय वात्सल्यम् समिति के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम संयोजक संजय वत्स ने बताया की हरिद्वार में 8-9जून 2019को देश के विभिन्न राज्यों के नवाचारी शिक्षक हरिद्वार के टाऊन हॉल, नगर निगम, हरिद्वार के टाऊन हॉल,नगर निगम मे जुटेंगे।सरकारी शिक्षा की बेहतरी व शिक्षण में नवाचार की भूमिका को लेकर अभ्युदय वात्सल्य समिति के मंथन कार्यक्रम में शिक्षक न सिर्फ अपने नवाचारो का प्रदर्शन करेंगे बल्कि टीएलएम प्रदर्शनी, विभिन्न मॉटीवेशनल स्पीकर्स भी अपने व्याख्यान देंगे।इस मौके पर इनोवेटिव टीचर्स अवार्ड -2019भी वितरित किया जाऐगा। देखा जाए तो नवाचार परिवर्तन और नवाचार एक दूसरे के पारस्परिक पूरक या पर्याय है। उन्होने बताया कि "नवाचार कोई नया कार्य करना ही मात्र नही है वरन किसी भी कार्य को नए तरीके से करना भी नवाचार है ।"
व्यक्ति और समाज मे हो रहे परिवर्तनो का प्रभाव शिक्षा पर भी पड़ा है शिक्षा को समयानुकूल बनाने के लिए शैक्षिक विधाओ में नवाचार ने अपनी उपयोगिता और सार्थकता स्वयं सिद्ध कर दी है ।सरकारी शिक्षा के परिपेक्ष में नवाचार बेहद जरूरी अंग हो चला है।"शैक्षिक नवाचारों का उद्भव स्वतः नही होता बल्कि उन्हें खोजना पड़ता है तथा सुनियोजित तरीके से इन्हें प्रयोग में लाना होता है ताकि शैक्षिक कार्यक्रमो को परिवर्तित परिवेश में गति मिल सके और परिवर्तन के साथ गहरा तारतम्य बनाये रख सके " इस प्रकार नवाचार एक नवीन विचार है एक व्यवहार है अथवा वस्तु या फिर कोई नया तरीका है जो नवीन और वर्तमान का गुणात्मक स्वरूप है नवाचार की परिस्थितिया हर क्षेत्र में अलग अलग अर्थ बताती है इनके प्रयोग के तरीके भी अलग अलग रूप में प्रयोग लाये जाते है!
मंथन कार्यक्रम में इस तथ्य पर भी शिक्षाविद प्रकाश डालेंगे की सरकारी शिक्षा में
नवाचार की आवश्यकता क्यों है ? "दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है अब बड़े छोटो को हरा नही पायेंगे अब जो तेज है वो धीमे को हराएंगे" ऐसा शिक्षाविदो ने कहा भी हैं।यदि हमें अपने सरकारी स्कूल के छात्रों की उन्नति करनी है तो हमे छात्रों का नामांकन उपस्थिति और ठहराव बढ़ाने के साथ साथ ही रोचक शिक्षण की पद्धतियों में परिवर्तन लाना ही होगा जिस प्रकार आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है ठीक उसी प्रकार आज शिक्षण पद्धतियों में बदलाव छात्रों को विद्यालय लाने के तरीकों में परिवर्तन लाजिमी है शिक्षको का मधुर बर्ताव छात्रों के प्रति सुखद व सकारात्मक व्यवहार शैक्षिक लक्ष्यों की प्राप्ति में एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करते है |
जगजाहिर है कि कुछ बदलाव करने के लिए समाज की बेहतरी के लिए जो ठोस कदम उठाए जाते है जो नवाचार प्रयोग में लाये जाते है आरंभ में कठिन मेहनत तो करनी पड़ती है कुछ कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है इसका आशय ये कतई नही कि हम नई पद्धतियों न स्वीकारे क्योंकि अंत मे सफलता मिलनी तय है ।नवाचार में या तो सफलता मिलेगी नही तो नया अनुभव अवश्य ही मिलेगा जो आगामी रणनीति में उपयोगी होगा हमे परंपरागत विधियों का अतिरिक्त नवीन विधाओ को अपनाना होगा क्योंकि परिवर्तन सार्वभौमिक सत्य है ।महान वैज्ञानिक डार्विन का यह नियम की "प्रकृति उन्ही को जीने का अधिकार देती है जो जीवन संघर्ष में सफल होते है" लगभग सभी जगह लागू होता है इसलिए स्वयं के अस्तित्व की खातिर हमे नवाचार स्वीकारने ही होंगे
नवाचारी शिक्षको से आह्वान की कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिये ससमय हरिद्वार पहुंचे।
व्यक्ति और समाज मे हो रहे परिवर्तनो का प्रभाव शिक्षा पर भी पड़ा है शिक्षा को समयानुकूल बनाने के लिए शैक्षिक विधाओ में नवाचार ने अपनी उपयोगिता और सार्थकता स्वयं सिद्ध कर दी है ।सरकारी शिक्षा के परिपेक्ष में नवाचार बेहद जरूरी अंग हो चला है।"शैक्षिक नवाचारों का उद्भव स्वतः नही होता बल्कि उन्हें खोजना पड़ता है तथा सुनियोजित तरीके से इन्हें प्रयोग में लाना होता है ताकि शैक्षिक कार्यक्रमो को परिवर्तित परिवेश में गति मिल सके और परिवर्तन के साथ गहरा तारतम्य बनाये रख सके " इस प्रकार नवाचार एक नवीन विचार है एक व्यवहार है अथवा वस्तु या फिर कोई नया तरीका है जो नवीन और वर्तमान का गुणात्मक स्वरूप है नवाचार की परिस्थितिया हर क्षेत्र में अलग अलग अर्थ बताती है इनके प्रयोग के तरीके भी अलग अलग रूप में प्रयोग लाये जाते है!
मंथन कार्यक्रम में इस तथ्य पर भी शिक्षाविद प्रकाश डालेंगे की सरकारी शिक्षा में
नवाचार की आवश्यकता क्यों है ? "दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है अब बड़े छोटो को हरा नही पायेंगे अब जो तेज है वो धीमे को हराएंगे" ऐसा शिक्षाविदो ने कहा भी हैं।यदि हमें अपने सरकारी स्कूल के छात्रों की उन्नति करनी है तो हमे छात्रों का नामांकन उपस्थिति और ठहराव बढ़ाने के साथ साथ ही रोचक शिक्षण की पद्धतियों में परिवर्तन लाना ही होगा जिस प्रकार आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है ठीक उसी प्रकार आज शिक्षण पद्धतियों में बदलाव छात्रों को विद्यालय लाने के तरीकों में परिवर्तन लाजिमी है शिक्षको का मधुर बर्ताव छात्रों के प्रति सुखद व सकारात्मक व्यवहार शैक्षिक लक्ष्यों की प्राप्ति में एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करते है |
जगजाहिर है कि कुछ बदलाव करने के लिए समाज की बेहतरी के लिए जो ठोस कदम उठाए जाते है जो नवाचार प्रयोग में लाये जाते है आरंभ में कठिन मेहनत तो करनी पड़ती है कुछ कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है इसका आशय ये कतई नही कि हम नई पद्धतियों न स्वीकारे क्योंकि अंत मे सफलता मिलनी तय है ।नवाचार में या तो सफलता मिलेगी नही तो नया अनुभव अवश्य ही मिलेगा जो आगामी रणनीति में उपयोगी होगा हमे परंपरागत विधियों का अतिरिक्त नवीन विधाओ को अपनाना होगा क्योंकि परिवर्तन सार्वभौमिक सत्य है ।महान वैज्ञानिक डार्विन का यह नियम की "प्रकृति उन्ही को जीने का अधिकार देती है जो जीवन संघर्ष में सफल होते है" लगभग सभी जगह लागू होता है इसलिए स्वयं के अस्तित्व की खातिर हमे नवाचार स्वीकारने ही होंगे
नवाचारी शिक्षको से आह्वान की कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिये ससमय हरिद्वार पहुंचे।
〰〰〰〰〰〰
♦मंथन ♦
〰〰〰〰〰〰
(अखिल भारतीय शैक्षिक विमर्श एवं शिक्षक सम्मान समारोह )
विषय:- सरकारी शिक्षा की बेहतरी में नवाचारी शिक्षण की संभावनाएं!
उप विषय:-
सरकारी शिक्षा के उत्थान में समुदाय एवं एनजीओ की भूमिका! कक्षा शिक्षण में नवाचार शिक्षण की भूमिका एवं योगदान! सरकारी शिक्षा की ओर समुदाय से जुड़ाव में शिक्षक की भूमिका एवं उत्तरदायित्व !
सरकारी शिक्षा के उत्थान में मातृभाषा में हिंदी भाषा का योगदान
〰〰〰〰〰〰
✒संजय वत्स
संयोजक
8650228899
------------------------------
✒यदि आप भी होना चाहते है इस नवाचारी शिक्षण विषयक कार्यक्रम में, साझा करना चाहते है अपने नवाचारी प्रयास तो अपना बायोडाटा व उपलब्धियों दो दिवसीय शैक्षिक विमर्श एवं शिक्षक सम्मान समारोह मे सम्मिलित होने का सहमति पत्र 15मई2019तक अवश्य मेल या वट्सएप्प करे।
awards171@gmail.com
〰〰〰〰〰〰〰〰
विशेष :-सरकारी शिक्षा से जुड़े समस्त शिक्षको तथा सरकारी शिक्षा को बढावा/सहयोग देने वाली NGO को खुला आमंत्रण