लोकतंत्र का गूंजा मंगलगान, महराजगंज ने रचा इतिहास
महराजगंज: लोकतंत्र का मंगलगीत आज महराजगंज जिले के हर चौखट पर गाया गया। सर्वाधिक मतदान का रिकार्ड बनाने को आतुर लोग जैसे 19 मई का इंतजार कर रहे हों। अनगिनत पग मतदान शुरू होने से पूर्व सुबह छह बजे बूथों की तरफ चल पड़े। नगर से लेकर गांव तक सिर्फ चेहरे बदले , उत्सवी माहौल हर जगह एक सा था । शहर से लेकर गांव की गलियां गुलजार रहीं। रविवार को उत्साह भरी सुबह का जश्न मई माह की तपती दोपहरी में भी मतदाताओं ने मनाया। सुबह से लेकर देर शाम तक ऐसा कम ही देखने को मिला, जब मतदान केंद्रों पर वोटर गिनती के रहे हों। दुल्हन की तरह सजाए गए केंद्र मतदाताओं को अपनी ओर बरबस आकर्षित कर रहे थे। सोनौली कोतवाली क्षेत्र के भगवानपुर बूथ पर मतदान के लिए पहुंचे 85 साल के रामभरोस हों या प्राथमिक विद्यालय कुड़वा से मतदान कर बाहर निकलते दिव्यांग अजमत अली। सबने जनपद से लेकर देश की तरक्की के लिए अपने मत की आहुति दी। रामभरोस कहते हैं कि वह कितनी बार वोट डाल चुके हैं, उसकी गिनती नहीं है, लेकिन ऐसा कोई चुनाव नहीं रहा, जिसमें वोट न दिए हों। सुबह नौ बजे मतदान का पहला रुझान 13.02 फीसद आते ही यह तय हो गया कि जनपद के लोग इतिहास रचने की तरफ बढ़ रहे हैं। 11 बजे के मत फीसद ने तो जैसे इसकी मुहर लगा दी। सभी जिलों को पछाड़ते हुए महराजगंज 26.06 फीसद तक पहुंच गया। दोपहर एक बजे तक 41.80 फीसद लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके थे। तीन बजे 52.06 व शाम पांच बजे 61.2 तथा शाम छह बजे अंतिम रिपोर्ट 64.60 फीसद बताई गई तो तराई झूम उठी। इस खुशी का वाजिब कारण भी था। 1952 से लेकर अब तक इस बार सर्वाधिक मत लोकतंत्र की झोली में पड़े है। इसके पूर्व 1984 में 63.84 फीसद लोगों ने मतदान किया था।
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गांव की पगडंडियों पर भी दौड़ा चुनावी करंट: नगर के साथ गांवों ने भी कदमताल किया। गांव की पगडंडियों पर चुनावी करंट दौड़ा। सीमावर्ती नौतनवा व सिसवा विधानसभा क्षेत्र में सुबह नौ बजे तक क्रमश: 14 व 12 फीसद लोग अपने मतदान का प्रयोग कर चुके थे। बात सीमा पर स्थित सोनौली की हो या फिर दुरूह सोहगीबरवा, शिकारपुर, भोथहा, कनमिसवा, औराटाड़, सकरदिनही आदि गांवों की। हर तरफ बूथों पर लोकतंत्र की जय जयकार होती रही।