शिक्षकों की गैरहाजिरी से नहीं मिल रही शिक्षा
सरकार बच्चों को साक्षर बनाने के लिए पानी की तरह रुपया बहा रही है लेकिन धरातल पर कुछ शिक्षक सरकार के मंसूबों पर पानी फेरने से बाज नहीं आ रहे हैं। शिक्षक असमय विद्यालय पहुंचते है और बिना सूचना के गायब भी हो जाते है।...
जागरण संवाददाता, जिगना (मीरजापुर) : सरकार बच्चों को साक्षर बनाने के लिए पानी की तरह रुपया बहा रही है लेकिन धरातल पर कुछ शिक्षक सरकार के मंसूबों पर पानी फेरने से बाज नहीं आ रहे हैं। शिक्षक असमय विद्यालय पहुंचते हैं और बिना सूचना के गायब भी हो जाते है। ऐसे में बच्चों को सही तरीके से शिक्षा न मिलने के कारण उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाए। जिससे बच्चों को सही तरीके से ज्ञान मिल सकें।
छानबे क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय, पूर्व माध्यमिक विद्यालयों पर शिक्षकों की अनुपस्थिति बच्चों पर भारी पड़ रही हैं। जिससे जमीनी धरातल पर शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से तार-तार हो रही है। क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय रसौली असमय स्कूल का गेट खुलता है। शुक्रवार को भी सात बजे के बजाए आठ बजकर तीस मिनट पर खुला और महज आठ बच्चे ही उपस्थित रहे। जबकि विद्यालय के रजिस्टर में कुल पंजीकरण 135 बच्चों का है। शिक्षकों में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापिका के अलावा तीन महिला शिक्षा मित्र व एक पुरुष शिक्षा मित्र विद्यालय से नदारत रहे। यही हाल प्राथमिक विद्यालय बजटा का रहा। जहां प्रधानाध्यापक लालबहादुर यादव व सहायक अध्यापक तो उपस्थित रहे पर एक महिला शिक्षा मित्र अनुपस्थित रही। यहां कुल 133 बच्चों के सापेक्ष 20 बच्चे उपस्थित रहे। पूर्व माध्यमिक विद्यालय बजटा में 183 बच्चों का पंजीकरण तो हुआ है। जहां प्रधानाध्यापक सहायक अध्यापक व एक महिला सहायक अध्यापिका विद्यालय में अनुपस्थित रहे। महज दो सहायक अध्यापक व दो अनुदेशक विद्यालय में उपस्थित रहे। इसी तरह अन्य विद्यालयों का हाल बेहाल है।
अभिभावकों ने लगाया आरोप
विद्यालय में एक भी बच्चों की उपस्थिति कम का होना शिक्षा मंदिर को शर्मसार कर रहा है। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि विद्यालयों में शिक्षकों की अनुपस्थिति के चलते बच्चें जहां आने से कतरा रहे हैं वही कुछ गुरुजी घर बैठे वेतन का आहरण कर उच्चाधिकारियों के कृपा पात्र बने हैं। वर्जन
विद्यालय में शिक्षकों की अनुपस्थिति है तो कार्रवाई की जाएगी और जांच बाद में होगी। बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शिक्षक अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह न बने।
डा. प्रभाशंकर पांडेय, सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी।