सकरी गलियों में माध्यमिक स्कूल, विभाग खामोश
बस्ती : सूरत की घटना के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग कटघरे में आ गया है। गर्दन बचाने के लिए कोचिग सेंटरों के नाम एक साधारण नोटिस जारी कर विभाग ने भले ही कार्रवाई की इतिश्री कर ली। माध्यमिक स्कूलों की मान्यता के मसले पर विभाग बंगले झांक रहा है। दरअसल स्कूलों की मान्यता में मानकों की खूब अनदेखी हुई। सकरी गलियों में संचालित कई माध्यमिक स्कूलों की मान्यता पर विभाग ने मुहर लगा दी। जिले में कुल 288 वित्तविहीन मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय हैं। इसमें शहर से लगायत ग्रामीण अंचलों तक दो दर्जन ऐसे मान्यता प्राप्त विद्यालय हैं जहां चार पहिया वाहन जाने का रास्ता नहीं है। इधर जब सूरत के एक कोचिग सेंटर पर आग लगने की घटना हुई तो विभाग अपने ही जाल में फंसता नजर आया। सकरे रास्ते वाले स्कूलों में आपातकाल के समय राहत कार्य पहुंचा पाना चुनौतीपूर्ण है। इन स्कूलों के परिसर में बच्चों को ढोने वाले छोटे-बड़े वाहन भी नहीं पहुंचते। सड़क से स्कूल परिसर तक बच्चों को पैदल जाना पड़ता है। जिससे बच्चों की सुरक्षा खतरे में है। सूरत की घटना के बाद कोचिग सेंटरों के लिए आपदा बचाव के संसाधन और आने-जाने के लिए चौड़े रास्ते अनिवार्य होने संबंधी आदेश जारी किए गए। जून माह में निरीक्षण करने की हिदायत दी गई है। घनी आबादी के बीच सकरी गलियों में संचालित माध्यमिक स्कूलों के मसले पर विभाग चुप है।
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कोचिग सेंटर और स्कूल दोनों जगहों पर बच्चों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। सकरे रास्तों पर शिक्षण संस्थाओं का संचालन उचित नहीं है। ऐसे विद्यालय चिह्नित किए जा रहे हैं।
बृजभूषण मौर्य, डीआइओएस।