परीक्षा नियंत्रक गिरफ्तार
जेएनएन लखनऊ : एलटी ग्रेड परीक्षा पेपर लीक मामले में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को आखिरकार प्रयागराज से गिरफ्तार कर गुरुवार देर शाम वाराणसी में विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जिला कारागार भेज दिया गया।
देर शाम पंडित दीन दयाल अस्पताल में मेडिकल परीक्षण के बाद परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) लालचंद के आवास पर पेश किया गया। वहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जिला जेल भेज दिया गया। रात करीब नौ बजे अंजू को जेल में दाखिल कराया गया। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने तीन दिन में लगभग 10 घंटे तक उनसे पूछताछ की। वह सभी सवालों का जवाब नहीं दे सकीं। मोबाइल फोन, लैपटॉप की जांच में उनकी संलिप्तता पाई गई है। इसी आधार पर गुरुवार दोपहर उन्हें प्रयागराज में गिरफ्तार कर लिया गया। बुधवार को एसटीएफ ने छानबीन के बाद उनका मोबाइल व लैपटॉप जब्त कर लिया था। आयोग के मुख्यालय स्थित आवास और कार्यालय से कई फाइलें भी सील की गई थीं। जांच के दौरान पेपर लीक से जुड़े कई अहम साक्ष्य मिलने के बाद उनकी गिरफ्तारी तय मानी जा रही थी। गत मंगलवार को वाराणसी एसटीएफ ने कोलकाता निवासी प्रिंटिंग प्रेस मालिक कौशिक कुमार को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने अंजू कटियार को 10 लाख रुपये देने की बात कुबूल की थी। उसके मोबाइल से अंजू व कौशिक के बीच वाट्सएप पेपर को लेकर बातचीत की पुष्टि हुई थी। एसटीएफ ने 27 मई की रात अंजू लता और कौशिक समेत नौ लोगों के खिलाफ चोलापुर थाने में केस दर्ज कराया था। फिलहाल परीक्षा नियंत्रक की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ अब दूसरे बिंदुओं पर जांच कर रही है।गिरफ्तारी के बाद पुलिस लाइन में क्राइम ब्रांच दफ्तर के बाहर मीडिया से अंजू लता ने कहा कि मैं निदरेष हूं, मैंने किसी से एक पैसा नहीं लिया है। प्रश्नपत्र के प्रकाशक कौशिक द्वारा एसटीएफ को उनके खिलाफ सुबूत मुहैया कराने के सवाल को टालते हुए अंजू लता ने कहा कि 20 साल की सर्विस में मैंने किसी से कुछ नहीं लिया।