यूपीपीएससी के चेहरे पर लगी कालिख और गाढ़ी
धर्मेश अवस्थी, प्रयागराज । पिछले साल जब पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा में हंिदूी की जगह निबंध का प्रश्नपत्र बंटा तो सबने इसे शर्मनाक कहा। ठीक एक बरस बाद एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती का पेपर आउट होने का राजफाश हुआ है। इस बार आयोग के अहम अफसर व सदस्य घिरे हैं, उनकी गिरफ्तारी होने के संकेत हैं। अब इसे क्या कहा जाए। सूबे का वह भर्ती संस्थान जो तीन वर्ष से सीबीआइ जांच की जद में है। कुछ परीक्षाओं पर गंभीर आरोप हैं कि उनका हल नहीं निकल सका है। इसके बावजूद गड़बड़ियां करने का कोई अवसर नहीं गंवाया जा रहा।
उप्र लोकसेवा आयोग को प्रांतीय सेवा में शीर्ष अफसरों के चयन का रुतबा हासिल है। साथ ही संस्थान सांविधानिक रुतबे का भी इजहार करने में नहीं चूकता था। शानदार भर्तियों के लिए चर्चित संस्थान इन दिनों अपने कारनामों के लिए कुख्यात है। 2017 में ही प्रदेश की योगी सरकार ने सपा शासनकाल में हुई पांच साल की भर्तियों की जांच सीबीआइ को सौंपा। हालांकि जांच शुरू है, सीबीआइ अभी किसी भी भर्ती में नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है, बल्कि वह भर्ती के खेल में शामिल अफसरों व दोषियों की तलाश कर रही है। आयोग के सदस्य व अफसरों ने सीबीआइ जांच को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई इसीलिए एलटी ग्रेड परीक्षा का प्रश्नपत्र आउट करने का आरोप उन पर लग रहा है।