बिन किताब कैसे हो पढ़ाई, नहीं हुए टेंडर
Pपरिषदीय विद्यालयों में पुरानी किताबों से ही पढ़ाया जा रहा है छात्र-छात्राओं को...
मथुरा, जासं। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा सत्र आरंभ हुए करीब एक माह हो चुका हैं, लेकिन छात्र-छात्राओं का किताबें वितरित नहीं हो सकी हैं। प्रधानाध्यापक पुरानी किताबों से ही अभी अध्ययन करा रहे हैं। किताबों के जुलाई में ही मिलने का अनुमान है। अभी तक टेंडर नहीं हो सके हैं।
परिषदीय विद्यालयों में व्यवस्थाएं लचर रहती है। समय से छात्र-छात्राओं को पुस्तक नहीं मिल पाती हैं, इसलिए अध्ययन प्रभावित होता है। इस वर्ष नया सत्र आरंभ हो चुका है, लेकिन अभी तक छात्र-छात्राओं को पुस्तक नहीं मिली हैं। किसी तरह पुराने छात्र-छात्राओं से किताब एकत्रित कर विद्यालयों में अध्ययन कराया जा रहा है। अभी तक किताबों के प्रकाशन के लिए टेंडर नहीं हुआ है। जिले में करीब 22 सौ विद्यालयों में करीब एक लाख 42 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं। अब छात्र-छात्राओं को जुलाई में ही पुस्तक मिलने का अनुमान है। ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी छात्र-छात्राएं पुस्तकों से घर पर अध्ययन नहीं कर सकेंगे। चुनाव के कारण किताबें प्रकाशित कराने के लिए टेंडर नहीं हो सका था। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और किताब वितरित कराई जाएंगी।
चंद्रशेखर, बीएसए अभी तक किताब नहीं मिली हैं। कक्षा में जो मेडम पढ़ाती हैं, उसे पढ़ते हैं। घर पर भी वही याद करते हैं जो कक्षा में पढ़ाया जा रहा है।
अंकित, कक्षा पांच पुरानी किताब मिल गई हैं। इनमें भी इंग्लिश की किताब नहीं मिली है। अभी स्कूल से नई किताब नहीं मिली हैं।
काजल, कक्षा चार