बच्चों को स्कूल में पढ़ाने की बजाए कोचिग में दे रहे ट्यूशन
जिले में लाख कवायद के बाद भी बेरोकटोक कोचिग संस्थानों का संचालन बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा है। सरकारी शिक्षकों द्वारा कोचिग संस्थानों में पढ़ाने की भी शिकायत मिल रही है जिसके चलते शिक्षकों द्वारा बच्चों को ढंग से कक्षा में नहीं पढ़ाया जाता है। कोर्स पूरा करने के लिए बच्चों को मजबूरन शिक्षकों के कोचिग में पढऩे जाना पड़ता है। शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों और कोचिग संस्थानों पर लगाम लगाने में अभी तक विफल रहा है। बीते वर्ष जिले में लगभग 67 कोचिग संस्थानों ने ही पंजीयन कराया है जबकि अभी तक किसी कोचिग संचालकों ने पंजीयन नहीं कराया है।...
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिले में लाख कवायद के बाद भी बेरोकटोक कोचिग संस्थानों का संचालन बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा है। सरकारी शिक्षकों द्वारा कोचिग संस्थानों में पढ़ाने की भी शिकायत मिल रही है, जिसके चलते शिक्षकों द्वारा बच्चों को ढंग से कक्षा में नहीं पढ़ाया जाता है। कोर्स पूरा करने के लिए बच्चों को मजबूरन शिक्षकों के कोचिग में पढऩे जाना पड़ता है। शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों और कोचिग संस्थानों पर लगाम लगाने में अभी तक विफल रहा है। बीते वर्ष जिले में लगभग 67 कोचिग संस्थानों ने ही पंजीयन कराया है, जबकि अभी तक किसी कोचिग संचालकों ने पंजीयन नहीं कराया है।
जिले में शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते कोचिग सेंटर धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं, इन कोचिग संस्थानों में सरकारी और गैर सरकारी शिक्षकों द्वारा बेरोकटोक पढ़ाया जा रहा है। वहीं कुछ कोचिग में स्नातक शिक्षकों द्वारा शिक्षण कार्य किया जा रहा है। मनमाने ढंग से खुल रहे कोचिग सेंटरों पर लगाम कसने के लिए शासन ने पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है, जिसमें छात्रों को सहुलियत देने का निर्देश दिया गया है। साथ ही डीआईओएस द्वारा समय समय पर अवैध रूप से चल रहे कोचिग सेंटरों पर अंकुश लगाने के लिए औचक छापेमारी भी की जाती है। जिले में अभी तक महज 67 कोचिग सेंटरों द्वारा डीआईओएस कार्यायल में पंजीयन कराया गया है। जबकि कोचिग सेंटर के रजिस्ट्रेशन के पहले कोचिग संचालकों को लिखित शपथ देना पड़ता है कि कोई सरकारी शिक्षक नहीं पढ़ाएगा। बावजूद इसके कई कोचिग सेंटरों में सरकारी, अर्ध सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों और महाविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जा रहा है।
वर्जन
कोचिग सेंटरों का बिना रजिस्ट्रेशन संचालन अवैध है। बिना रजिस्ट्रेशन केचल रहे अवैध कोचिग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। बेरोजगार युवक कोचिग सेंटर का डीआईओएस कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराकर ही संचालन करें।
- देवकी सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक, मीरजापुर।
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इनसेट
पंजीयन दर पंजीयन शुल्क
01-10 छात्र 250 रुपया
11-20 छात्र एक हजार रुपया
21-40 छात्र चार हजार रुपया
41 से 50 छात्र पांच हजार रुपया
50 से 100 छात्र 10 हजार रुपया
101 से 200 छात्र 20 हजार रुपया
201 से अधिक छात्र 25 हजार रुपया