चिकित्सीय अवकाश बहाना, गुरुजी को स्कूल नहीं आना
बलरामपुर : जिले के परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षकों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। खंड शिक्षा अधिकारियों की मेहरबानी से शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। बिना अवकाश स्वीकृति के स्कूलों से गायब रहना यहां के गुरुजनों की नियति बन चुकी है। वित्त एवं लेखाधिकारी की जांच में ऐसे 31 शिक्षकों के नाम का राजफाश हुआ है, जो बिना बताए लगातार स्कूलों से गायब रहे। खास बात यह है कि इनमें से अधिकांश शिक्षकों ने स्कूल न आने के लिए चिकित्सीय अवकाश का सहारा लेकर आवेदन किया है। जिम्मेदार अफसर इन शिक्षकों पर कार्रवाई के बजाय लीपापोती में जुटे हैं। वित्त एवं लेखाधिकारी अश्वनी कुमार जायसवाल का कहना है कि लापरवाह शिक्षकों का वेतन रोकने की संस्तुति की गई है। 21 अप्रैल से गायब हैं ये शिक्षक
बलरामपुर शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय खैराकोट की शिल्पी श्रीवास्तव 21 अप्रैल से 12 मई तक 23 दिन अनुपस्थित पाईं गईं। उच्च प्रावि शंकरपुर की गीता देवी शर्मा 24 दिन, प्रावि कुशईपुरवा की गरिमा 27 दिन, प्रावि ललिया प्रथम की श्यामली गौतम 12, प्रावि किला प्रथम की भारती वाष्र्णेय दस दिन, प्रावि अल्लीपुर भिठौरी की पूजा सिंह 17, प्रावि इटईमैदा की स्मृति मिश्रा 21, उच्च प्रावि महदेइया सिरसिया के मोहम्मद अहमद 20, प्रावि जुगलीपुर बालापुर की नीतू रानी 29, उच्च प्रावि नयानगर की आकांक्षा श्रीवास्तव 17, प्रावि बिजौरा माफी की रिजवाना आफरीन 23 व प्रावि मधपुर की सारिका त्रिवेदी 27 दिन तक चिकित्सीय अवकाश के नाम पर बिना स्वीकृति के स्कूल से गायब पाई गईं हैं। इनकी नहीं है खबर
प्रावि भीखपुर की शिक्षिका शालिनी वर्मा 25 अप्रैल से 20 मई तक 26 दिन व उच्च प्रावि देवरावां के राजकुमार 21 अप्रैल से बिना सूचना के लगातार 30 दिन गायब पाए गए हैं। प्रावि शंकरपुर नवीन के शैलेंद्र सिंह व प्रावि लैबुड़वा की तूलिका दास का 30 दिन उपस्थिति प्रपत्र प्रमाणित नहीं है। प्रावि पचपेड़वा प्रथम की इंदू यादव के उपस्थिति प्रपत्र पर 28 दिन का हस्ताक्षर नहीं है। उच्च प्रावि भोजपुर की अलका शर्मा 29 अप्रैल से दस मई तक लगातार आकस्मिक अवकाश पर हैं। प्रावि दुधरा के घनेंद्र कुमार अहिरवार त्याग पत्र देकर 21 अप्रैल से गायब हैं, लेकिन इस्तीफा स्वीकृत नहीं हुआ है।