कालेजों से संबद्ध प्राइमरी स्कूलों को ग्रांट देने का आदेश
विधि संवाददाता, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वित्तीय सहायता प्राप्त हाईस्कूल व इंटर कालेजों से संबद्ध प्राइमरी स्कूलों को ग्रांट इन एड में शामिल करने का निर्देश देते हुए राज्य सरकार को नीति निर्धारित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने 27 अक्टूबर 2016 के शासनादेश के उस उपखण्ड को मनमानापूर्ण मानते हुए रद कर दिया है। जिसमें ग्रांट में शामिल करने की 21 जून 1973 की कटऑफ डेट तय की गयी थी। कोर्ट ने 13 जुलाई 2017 के संशोधन जिसके तहत पांच साल तक ग्रांट देने पर पुनर्विचार करने पर रोक लगायी थी, उसे रद कर दिया है। जूनियर हाईस्कूल से संबद्ध स्कूलों को कोई लाभ देने से इन्कार करते हुए कोर्ट ने कहा है कि वे 2017 के संशोधन को चुनौती दे सकते हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने जय राम सिंह व 11 अन्य सहित सैकड़ों याचिकाओं को निर्णीत करते हुए दिया है। मालूम हो कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत 27 अक्टूबर 2016 के शासनादेश से प्रदेश में 300 की आबादी व एक किलोमीटर की दूरी पर नए स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया।
कहा गया कि जिन 2055 बस्तियों में स्कूल नहीं हैं उनमें 21 जून 1973 के पहले के एडेड हाईस्कूल व इंटर कालेज से सम्बद्ध प्राइमरी स्कूलों को अनुदान में शामिल किया जाए।