शासन के ‘ईक्षा’ एप पर भारी गुरु जी की इच्छा
रायबरेली : जिले के 41 एबीआरसी पर कार्यवाई की तलवार लटक रही है। इन एबीआरसी ने मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन अनुश्रवण एवं कक्षावलोकन का 60 फीसदी लक्ष्य पूरा नहीं किया है। इसके अलावा 12 एबीआरसी ऐसे है जिन्होंने कक्षा अवलोकन का तीस मिनट का काम महज दो से नौ मिनट में ही निपटा दिया। इसमें शिक्षक संगठनो के अध्यक्ष और पदाधिकारी भी शामिल है।
स्कूलों की दशा सुधारने के लिए प्रत्येक ब्लॉक में विषयवार पांच एबीआरसी की नियुक्ति का प्रावधान हैं। जिन्हे प्रतिमाह कम से कम 20 स्कूलों का अनुश्रवण करना होता है। एबीआरसी का निरीक्षण ‘ईक्षा’ ऐप के माध्यम से ऑनलाइन करना होता है। इसमें रियल टाइम जियो लोकेशन भी दर्ज हो जाती है। इसके बाद 30 मिनट का एक कक्षा अवलोकन भी करना होता है, जिसमें पढ़ने वाले छात्र और कक्षा पढ़ाने वाले शिक्षक संबंधी अनेक बिंदुओं पर रिपोर्ट देनी होती है। साथ ही साथ विद्यालय वातावरण और शिक्षक सहायक सामग्री का विवरण भी देना होता है। इस ऑनलाइन निरीक्षण में चल रही 30 मिनट की कक्षा का सघन निरीक्षण होता है लेकिन एबीआरसी 30 मिनट का निरीक्षण दो से नौ मिनट में निपटा रहे। शासन स्तर पर माह अक्टूबर 2018 से मार्च 2019 तक की समीक्षा की गई तो हकीकत सामने आई। बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह के ऑनलाइन जांच में पकड़े गए 12 एबीआरसी जो घंटो को काम मिनटो में करके विभाग की आंखों में धूल झोंक रहे हैं।
बेसिक शिक्षा निदेशक के पत्र में 12 ऐसे एबीआरसी जिन्होंने तीस मिनट से कम कक्षा अवलोकन किया है और 41 ऐसे एबीआरसी जिन्होंने 60 फीसदी का लक्ष्य पूरा नहीं किया है उन सभी को उनके मूल स्कूल भेजने की कार्यवाही करने का आदेश बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया है।
कैसे हो कार्यवाई जब शिक्षक संघ के पदाधिकारी ही बन बैठे है एबीआरसी
जिले के साठ प्रतिशत एबीआरसी के ऊपर प्रत्यावर्तन की कार्यवाई का ख़तरा मंडरा रहा है जिनमे शिक्षक संघों के जिले और प्रदेश के अध्यक्ष भी शामिल है। एबीआरसी दिनेश बहादुर सिंह शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ,एबीआरसी शिव शंकर सिंह राष्ट्रीय शैक्षिक महसंघ के महामंत्री, एबीआरसी रजवंत सिंह डीपीए के प्रदेश अध्यक्ष,सुनील यादव डीपीए जिलाध्यक्ष , नागेंद्र बहादुर सिंह जूनियर संघ ब्लॉक अध्यक्ष, भगवती शर्मा विशिष्ट बीटीसी संघ के प्रदेश पदाधिकारी, पवन शुक्ला प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष सहित तमाम पदाधिकारी एबीआरसी के रूप में काम कर रहे है। कुछ एबीआरसी बीएसए के खासमखास भी है। अब सवाल ये है कि क्या इन पर कार्यवाई होगी। लेकिन तेज़ तर्रार बीएसए पीएन सिंह का पिछला रिकार्ड बताता है कि पूर्व में इन्होने बिना किसी दबाव के कई शिक्षकों पर निलंबन तक की कार्यवाई तक की है।
ऐप में है कई खामियां
एबीआरसी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार तिवारी का कहना है कि पहले ODK एप था अब ईक्षा ऐप है। पुराना डेटा ट्रांसफर नही हुआ, ईक्षा एप में कई कमियां हैं। जैसे रायबरेली नगर क्षेत्र में पांच स्कूलों का नाम ईक्षा ऐप में नहीं है,स्कूलों के नाम बढ़ाया नहीं जा सकता है, नेटवर्क नहीं होने पर जीपीएस ऑन नहीं होता है।
एबीआरसी संघ के प्रदेश मंत्री सर्वेश शुक्ला ने कहा कि निदेशक के पत्र में प्रतिमाह 20 स्कूलों के निरीक्षण की बात की गई है और सभी एबीआरसी प्रतिमाह 20 स्कूलों निरीक्षण करते है। अब ये साठ फीसदी के नाम पर कार्यवाई की बात कैसे कह रहे है जबकि एबीआरसी ने सौ फीसदी काम किया है। ब्लॉक भ्रमण और अनुश्रवण के नाम पर सैकड़ो किलोमीटर की यात्रा एबीआरसी अपनी जेब से वहन करता है और अब तो ये आदेश आया है कि एबीआरसी राष्ट्रपति और राज्यपाल पुरस्कार का फॉर्म भी नहीं भर सकता है। एबीआरसी की आवाज बेसिक शिक्षामंत्री के समक्ष रखी जाएगी।
बीएसए बोले
इस सम्बन्ध में बीएसए पी एन सिंह ने बताया कि प्रकरण की जांच करवाई जा रही है और जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाई की जाएगी।
द्वारा न्यूज प्लस