बदायूं:
बच्चों का स्कूल आने और रसोइयों का खाना बनाने से इंकार
कहने को नवादा चौराहा शहर के मुख्य चौराहों में शुमार रखता है लेकिन यहां की चोक नालियों को साफ नहीं कराया गया है। ...
बदायूं, जेएनएन : कीचड़ से होते हुए गंदे पानी में होते हुए विद्यालय जाना। किसी के फोड़ा-फुंसी तो किसी को और बीमारी लगना। एक बार विद्यालय आए तो वापस जाने की इच्छा न होना। ऐसी हालत है शहर के नवादा चौराहे पर स्थित विकास क्षेत्र जगत के परिषदीय विद्यालय नवादा की। जहां मुख्य मार्ग के नालों के चोक होने की वजह से गंदा पानी विद्यालय परिसर में ही भर जा रहा है। उच्चाधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई।
बीमार बच्चों के माता-पिता ने प्रधानाध्यापक संजीव शर्मा से शिकायत की कि जब तक परिसर से गंदा पानी नहीं निकाला गया तब तक वह बच्चों को विद्यालय नहीं भेजेंगे। वहीं रसोइयों ने जलभराव की समस्या होने की वजह से मध्याह्न भोजन बनाने से इंकार कर दिया है। दो दिन से रात भर बारिश होने की वजह से शहर में जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
कहने को नवादा चौराहा शहर के मुख्य चौराहों में शुमार रखता है लेकिन यहां की चोक नालियों को साफ नहीं कराया गया है। अतिक्रमण करके बैठे दुकान कचरा सड़क पर ही फेंक देते हैं जो नालियों को चोक करता है और बारिश में बहकर विद्यालय परिसर में चला जाता है। बच्चों व रसोइयों के इंकार करने पर सचिव व प्रधान पति सरताज अली ने विद्यालय में जाकर समस्या को दुरुस्त कराने का आश्वासन दिया। अभिभावकों से अपने बच्चों को विद्यालय भेजने का आह्वान किया।
छात्राओं ने कहा
विद्यालय में जलभराव होने की वजह से गंदे पानी से होकर विद्यालय आना पड़ता है। रोज बीमार होने का खतरा बना रहता है। कुछ साथी बीमार हो गईं हैं। - मुस्कान
सड़क का गंदा पानी विद्यालय में आ जाता है। साथ में गंदगी भी आती है। जिससे बदबू आती रहती है। जिसकी वजह से विद्यालय आने की इच्छा नहीं होती। - शिदरा
नालियों का गंदा पानी सूखने के बाद कीचड़ हो जाती है। अक्सर ही बच्चे फिसलकर गिर जाते हैं। चोट लग जाती है या बच्चे अक्सर ही बीमार हो जाते हैं। - नुरूनिशा
सुबह घर से नहाने के बाद गंदे पानी से गुजरकर विद्यालय आना बुरा लगता है। घर वाले विद्यालय में जलभराव होने तक विद्यालय भेजने से मना कर रहे हैं। - कोहिनूर