व्यवस्था के 'दलदल' में फंसे परिषदीय स्कूलों के छात्र
जिले में सप्ताह भर से हो रही लगातार बारिश से करीब डेढ़ सौ परिषदीय विद्यालय व्यवस्था के दलदल में फंस गए हैं। परिसर से लेकर कक्षाओं तक लबालब पानी भरा है या फिर पानी निकलने के बाद कीचड़ से सराबोर हैं। ऐसे में इन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या भी गिनी-चुनी नजर आ रही है। 100-100 बच्चों...
काम इंट्रो :
जिले में सप्ताह भर से हो रही लगातार बारिश से करीब डेढ़ सौ परिषदीय विद्यालय व्यवस्था के 'दलदल' में फंस गए हैं। परिसर से लेकर कक्षाओं तक लबालब पानी भरा है या फिर पानी निकलने के बाद कीचड़ से सराबोर हैं। ऐसे में इन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या भी गिनी-चुनी नजर आ रही है। 100-100 बच्चों में कहीं पांच तो कहीं दस ही विद्यालय पहुंच रहे हैं। शिक्षक भी पढ़ाई में महज औपचारिकता कर रहे हैं। ये बच्चे कुछ देर समय बिताने के बाद घर चले जाते हैं। ऐसे में स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना की भी औपचारिकता पूरी हो जाती है। शिक्षक 50 से 60 फीसद बच्चों की उपस्थिति दिखाकर बेसिक शिक्षा विभाग व शासन को मोबाइल से रिपोर्ट प्रेषित कर देते हैं। जागरण टीम ने गुरुवार को शहर व गांवों के कई स्कूलों में पड़ताल की तो सारी हकीकत सामने आई। बच्चे कम होने से कहीं एमडीएम के चूल्हे जले ही नहीं तो कहीं खिचड़ी खिलाकर बच्चों को चलता कर दिया। केस-1
प्राथमिक विद्यालय, सुतरखाना, पुलिस लाइन
समय : 11.10 बजे
विद्यालय परिसर के बाहर लबालब पानी भरा है। यहां विद्यालय में ताला पड़ा है। जानकारी की तो पता चला कि बगल में ही संचालित प्राथमिक विद्यालय पुलिस लाइन में इस विद्यालय के चार-छह बच्चे बैठे हैं। प्रधानाध्यापक शमसीर जहां रजिस्टर में किसी कार्य में व्यस्त रहीं। बच्चे आपस में खेलते व बात करते रहे। यहां कुल 55 बच्चों में 9 बच्चे आए थे। बताया कि बारिश की वजह से बच्चे नहीं आ रहे हैं। मध्याह्न भोजन प्राथमिक विद्यालय पुलिस लाइन में ही इन बच्चों का भी बन रहा है। केस-2
प्राथमिक विद्यालय सोनरही (तिदवारी)
समय : 10.18
विद्यालय में परिसर व किचन में लबालब पानी भरा है। शिक्षक अनिल कुमार त्रिपाठी कुछ छात्राओं को हाथ पकड़कर जलभराव से पार कराकर कक्षा में जा रहे थे। कक्षों में दीवालों व छतों में दरारें होने से टपक रही हैं। 54 बच्चों में कुल 12 बच्चे आए थे। रसोइया दाल व रोटी बना रही थी। ये अति बच्चे गरीब होने के कारण कई दिनों से बारिश के बाद सिर्फ मध्याह्न भोजन के लिए आते हैं। प्रधानाध्यापक ने बताया कि इस समय बरसात के मौसम में बच्चों की उपस्थिति ऐसे ही रहती है। केस-3
प्राथमिक विद्यालय करुइहा पुरवा भाग-दो (बबेरू)
समय : 9.39 बजे
विद्यालय परिसर में चारो तरफ जलभराव कई दिनों से है। मौसम साफ होने पर गुरुवार को पानी तो निकल गया, पर परिसर में दलदल हो गया है। स्कूल में अलग-अलग कक्षाओं में कुल 35 बच्चे मौजूद थे। बगल में रसोई में बच्चों के लिए एमडीएम बन रहा था। प्रधानाध्यापक श्रीपाल ने बताया कि कुल 112 में 35 बच्चे मौजूद हैं। ये भी घर लिवाने से आ रहे हैं। दलदल व जलभराव से बच्चे आने में कतराते हैं। केस-4
प्राथमिक विद्यालय गर्गन पुरवा, अतर्रा ग्रामीण
जल निकासी की सुविधा न होने से विद्यालय परिसर में बारिश का लबालब पानी भर गया है। यह स्थिति पिछले छह दिनों से चल रही है। बच्चे कम होने से विद्यालय में महज शिक्षण कार्य के नाम पर औपचारिकता हो रही है। प्रधानाध्यापक कमलेश साहू ने बताया कि विद्यालय में 112 बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें से 22 बच्चे आज आए हैं। इनके लिए एमडीएम बनवाया जा रहा है। मध्याह्न भोजन में खिचड़ी बनवाई जा रही है। रास्ते व परिसर में दलदल तथा जलभराव होने से छात्र-छात्राएं कम आ रहे हैं। जो भी आ रहे हैं वह सिर्फ भोजन की आस में।
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आंकड़ों के आइने में :
कुल विद्यालय : 2045
प्राथमिक विद्यालय : 1351
जूनियर विद्यालय : 694
कुल बच्चे : 213664
बच्चों की उपस्थिति : 20 से 30 फीसद
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-बारिश के चलते कुछ प्राथमिक स्कूलों में जलभराव की जानकारी मिली है। शिक्षकों को जल निकासी की व्यवस्था कराने को कहा गया है। एमडीएम बच्चों की उपस्थिति के हिसाब से सभी विद्यालयों में बनवाया जा रहा है। अभी क्रास चेकिग भी कराई जा चुकी है। जहां भी शिकायत मिलेगी कार्रवाई की जाएगी।
-हरिश्चंद्रनाथ, बीएसए, बांदा रिपोर्टर-प्रदीप द्विवेदी