एडेड माध्यमिक स्कूलों की फीस बढ़ाने की तैयारी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ: आर्थिक तंगी से जूझ रहे सूबे के अशासकीय सहायताप्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों की फीस बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इन स्कूलों में विद्यार्थियों के बैठने के लिए न तो ढंग के फर्नीचर हैं और न ही अन्य मूलभूत संसाधन। सरकार की ओर से इन स्कूलों को कोई आर्थिक मदद नहीं दी जाती। विद्यार्थियों से जो फीस वसूली जा रही है, वह बेहद कम है। ऐसे में प्रदेश के 4500 एडेड माध्यमिक स्कूलों में पढ़ रहे करीब 23 लाख विद्यार्थियों को न तो खेल की अच्छी सुविधा मिल पा रही है और न ही प्रैक्टिकल की। माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पांडेय की ओर से एडेड स्कूलों की फीस बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। उन्होंने अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) को इस संबंध में 15 अगस्त तक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
उप्र माध्यमिक शिक्षा संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ. आरपी मिश्र कहते हैं कि कक्षा छह से कक्षा आठ तक विद्यार्थियों को निश्शुल्क शिक्षा देने का प्रावधान है। वहीं कक्षा नौ में 275 रुपये, कक्षा 10 में 255 रुपये, कक्षा 11 में 393 रुपये और कक्षा 12 में 283 रुपये वार्षिक फीस विद्यार्थियों से ली जाती है। इसमें खेलकूद व प्रैक्टिकल की फीस 60-60 रुपये वार्षिक है। यानी पांच रुपये महीने में खेलकूद की सुविधा देना और इतने में ही विज्ञान के प्रयोग करवाना होता है। ऐसे में विद्यार्थियों को बेहतर सुविधा नहीं मिल पा रही है। इससे पहले वर्ष 2010 में फीस बढ़ोतरी की गई थी। उसके बाद पिछले नौ वर्षो से फीस नहीं बढ़ाई गई।