मोबाइल देने के बाद रिचार्ज कराना भूल गए जिम्मेदार
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर: आंगनबाड़ी केंद्रों से लाभार्थियों को दिए जाने वाली सुविधाओं की ऑनलाइन रिपोर्टिंग बंद हो गई है। यह नौबत इस लिए सामने आई है कि शासन ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल तो पकड़ा दिए, लेकिन रिचार्ज कराना भूल गए। रिचार्ज न होने से अब मोबाइल खिलौना बनकर रह गया है। जिससे कार्यकर्ताओं को फिर से मैनुअल काम करना पड़ रहा है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन काम करने के लिए करीब आठ माह पहले बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा स्मार्ट फोन दिए गए। प्राइवेट कंपनी की सिम के साथ इंटरनेट की सुविधा भी दी गई थी। करीब तीन महीने तक यह सेवा मिलता रहा। पांच माह से आन लाइन रिपोर्टिंग बंद है। खुद से रिचार्ज कराना संभव नहीं है, क्योंकि सिम पोस्टपेड है।
मोबाइल की कीमत करीब सात हजार: जनपद में कुल 2751 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन दिए गए हैं। विभाग के मुताबिक एक मोबाइल की कीमत करीब सात हजार रुपये है। इस योजना में सरकार पर करीब 2 करोड़ 20 लाख रुपये का आर्थिक भार पड़ा है। सरकार की मंशा थी कि कामकाज पेपरलेस होने के बाद कार्यकर्ता बच्चों पर अधिक ध्यान देंगी। सूचनाएं भी तत्काल उपलब्ध कराने में आसानी होगी। लेकिन रिचार्ज न होने से सरकार की मंशा सफल नहीं हो पा रही है।
मोबाइल देने का यह उद्देश्य: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हाजिरी से लेकर, रजिस्ट्रेशन के लिए करीब 16 से 18 रजिस्टर मेनटेन करने होते हैं। बहुत ज्यादा पेपर वर्क होने से उन्हें काफी समय लगता था।