आंगनबाड़ी केंद्रों की बदहाली उजागर
जागरण संवाददाता, जोगिया, सिद्धार्थनगर: आंगनबाड़ी केंद्रों की बदहाली दूर नहीं हो पा रही है। कुछ केंद्र बंद रहते हैं। जो खुलते हैं उसमें भी बच्चों की संख्या बहुत कम रहती है। सुविधाओं पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कार्यकर्ताओं और सहायिका भी समय से नहीं पहुंचतीं। विभाग के जिम्मेदार भी उदासीन बने हुए हैं। अव्यवस्था की बानगी है जोगिया क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्र।
समय 8:30 बजे: ग्राम पंचायत केवटलिया के प्राथमिक विद्यालय के अतिरिक्त कक्ष में संचालित हो रहा आंगनबाड़ी केंद्र बंद मिला । केंद्र में तैनात आंगनबाड़ी कार्यकत्री कन्याकुमारी केंद्र पर नहीं मौजूद थीं। केंद्र पर कितने बच्चे पंजीकृत हैं इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई ।
समय 8:45: खुद के भवन में संचालित हो रहे आगनबाडी केंद्र बंगरा प्रथम में नामांकित 70 बच्चों में लगभग एक दर्जन बच्चों को केंद्र की कार्यकत्री रेनू पांडे पढ़ाते हुए मिलीं। बच्चों की संख्या कम होने की बात पर बताया कि केंद्र पर नामांकित सभी बच्चे केंद्र पर आते हैं बच्चों के आने में थोड़ा देर हो जाता है जबकि केंद्र प्रथम पर ही भवन के अभाव में बंगरा के केंद्र त्रितीय का भी संचालन किया जाता है। मौके पर कार्यकत्री इसरावती देवी मौजूद रहीं ।
समय 9 बजे: ग्राम पंचायत गोनहा में संचालित हो रहे आंगनबाड़ी केंद्र के कमरे का दरवाजा खुला मिला कुर्सियां खाली पड़ी थीं आसपास गंदगी व्याप्त था बच्चों के बैठने वाली दरी एक तरफ फेंका हुआ था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका मौके पर नहीं थीं । पूछने पर आसपास के लोगों ने बताया कि केंद्र खुला रहता है पर जिम्मेदार गायब रहते हैं।
केवटलिया प्रथम का बंद पड़ा आंगनबाड़ी केंद्र ’ जागरण
गोनहा आंगनबाड़ी केंद्र खुला पर जिम्मेदार नदारद ’ जागरण
बंगरा प्रथम में पढ़ाती आंगनबाड़ी ’ जागरण
कुछ केंद्र बंद रहते हैं, जो खुले रहते वहां कार्यकर्ता नहीं दिखतीं
जल्द ही टीम गठित कर आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच की जाएगी। अगर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका केंद्र पर नहीं मिलती हैं तो उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी और व्यवस्था में सुधार किया जाएगा ।
निर्भय सिंह , सीडीपीओ, जोगिया