बदहाल विद्यालय खोल रहे शैक्षिक गुणवत्ता की पोल
जासं, खनुआ, महराजगंज: प्रदेश सरकार के लाख फरमान के बाद भी सरकारी स्कूलों की व्यवस्था धरातल पर नहीं उतर पा रही है। शासन द्वारा शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए गांवों में संचालित प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में काफी धन भी खर्च किए जा रहे हैं। बावजूद इसके इन स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों को कदम-कदम पर असुविधाओं से दो चार होना पड़ रहा है। शनिवार को जागरण टीम कुछ विद्यालयों पर पहुंची, तो हकीकत सामने निकलकर आया।
समय: 11:10 बजे
स्थान: प्राथमिक विद्यालय सुंडी
यहां पंजीकृत 64 बच्चों में 30 बच्चे उपस्थित मिले। विद्यालय परिसर में चारों तरफ झाड़-झंखाड़ व गंदगी दिखी। परिसर में दो शौचालय व पानी के लिए एक इंडिया मार्क हैंडपंप ही लगा है। शौचालय में ताला लटक रहा था। यहां तैनात शिक्षक प्रभात कौशिक उपस्थित मिले। छात्रों के बैठने के लिए बरामदे में फटी पुरानी टाट पट्टी का प्रयोग किया जा रहा है। कमरे के फर्श व छत जर्जर हो चुके हैं। प्रधानाध्यापक प्रभात कौशिक ने बताया कि छत व कमरे के फर्स एक दम जर्जर हो चुकी हैं।
समय:11.40 बजे
स्थान: पूर्व माध्यमिक विद्यालय आराजी सरकार उर्फ बैरियहवा
विद्यालय परिसर बारिश के पानी से भरा हुआ था। पंजीकृत 145 बच्चों में 75 मौजूद थे। बच्चों ने बताया कि भोजन तो बनता है, लेकिन मीनू के अनुसार नहीं। शुद्ध पेय जल के लिए विद्यालय में सिर्फ एक ही इंडिया मार्क हैंडपंप लगा है। विद्यालय परिसर के चारों तरफ बाउंड्रीवाल न होने से अवारा पशुओं का यहां हमेशा आना जाना लगा रहता है। प्रधानाध्यापक भाष्कर चौधरी सहित सभी शिक्षक मौजूद मिले।
समय:12.15 बजे
स्थान: प्राथमिक विद्यालय हरदीडाली
यहां पंजीकृत 435 बच्चों में 150 बच्चे उपस्थित मिले। विद्यालय परिसर में चारों तरफ साफ-सफाई दिखी। विद्यालय परिसर में दो शौचालय व पानी के लिए एक इंडिया मार्क हैंडपंप ही लगा है। शौचालय में ताला लटक रहा था। यहां तैनात शिक्षक भी उपस्थित मिले। छात्र-छात्रओं के बैठने के लिए बरामदे व कमरे में टाट पट्टी का प्रयोग किया जा रहा है। प्रधानाध्यापक विनोद कुमार गौतम ने बताया कि हम लोग स्वच्छता को लेकर सजग हैं। हल्की बरसात होने पर खेल के मैदान में पानी जमा हो जाता है। इस लिए एक से पांच तक के बच्चों को बरामदे में एक ही स्थान पर बैठाकर पढ़ाया जाता है। शिक्षक मुकेश चौधरी, प्रेमलता, सरोजनी शर्मा मौजूद रहे।