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लखनऊ : आंतरिक मूल्यांकन की निगरानी का तंत्र फेल

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लखनऊ : आंतरिक मूल्यांकन की निगरानी का तंत्र फेल

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : यूपी बोर्ड हाईस्कूल में आंतरिक मूल्यांकन के अंक विद्यालय किस आधार पर विद्यार्थियों को बांट रहे हैं इसकी निगरानी नहीं हो रही। विद्यार्थियों को हर विषय में 30 अंक आंतरिक मूल्यांकन के दिए जाते हैं। कुल छह विषयों में 180 अंक विद्यालय अपने स्तर पर विद्यार्थियों को देते हैं। कोई निजी विद्यालय अगर विद्यार्थी को मनमाने ढंग से ज्यादा अंक या किसी विद्यार्थी को जानबूझकर कम अंक देता है तो इसकी कोई मानीटरिंग नहीं होती।
माध्यमिक शिक्षा विभाग अपने अधिकतर कार्यो में ऑनलाइन व्यवस्था पर जोर दे रहा है लेकिन, हाईस्कूल में 600 अंकों में से 180 अंक किस आधार पर बांटे जा रहे हैं इसके लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री व प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र आरोप लगाते हैं कि प्राइवेट स्कूल आंतरिक मूल्यांकन के नाम पर आसानी से धन उगाही कर सकते हैं। हाईस्कूल में वर्ष में तीन बार क्लास टेस्ट व प्रोजेक्ट तक ढंग से नहीं बनाए जा रहे हैं। समय-समय पर औचक निरीक्षण कर शिक्षा विभाग के अधिकारी अगर इस बात की ही जांच कर लें कि किस विद्यार्थी ने क्या प्रोजेक्ट बनाया है तो तमाम खामियां सामने आएंगी। आंतरिक मूल्यांकन की निगरानी की अलग से व्यवस्था हो और जिस दिन क्लास टेस्ट व प्रोजेक्ट जमा करवाया जाए उसी दिन एक अलग वेब पोर्टल पर इसके अंक चढ़ाए जाएं। राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष पारसनाथ पांडेय कहते हैं कि जिला विद्यालय निरीक्षक विशेषज्ञ शिक्षकों और अधिकारियों की टीम बनाकर इसकी जांच करवाएं। नकल रोकने के लिए जिस तरह सीसी टीवी कैमरा और वायस रिकार्डर लगाए गए हैं, उसी तरह इसकी निगरानी की भी पुख्ता व्यवस्था इसी सत्र से हो।

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