सोशल मीडिया पर छाए आयुष के घर बधाइयों का तांता, जानिये क्यों अचानक फेमस हुआ 11वीं का छात्र VIDEO

वाराणसी । सोशल मीडिया पर छाए सेंट्रल हिन्दू ब्वॉयज़ स्कूल के 11वीं का छात्र आयुष चतुर्वेदी को बधाइयों का तांता लग गया है। देश की कई हस्तियों ने उसके भाषण को शेयर किया और सराहा। बुधवार को उसके घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। पूर्व विधायक अजय राय सहित अन्य लोगों ने आयुष के घर पहुंच कर उसकी हौसला अफजाई की।
गांधी जी पर भाषण देकर छा गया
आयुष ने अपने स्कूल की प्रार्थना सभा में 'विद्रोह व मजबूती के प्रतीक-महात्मा गाँधी' विषय पर नौ सितंबर को भाषण दिया था। इस भाषण को उसकी टीचर ने अपने मोबाइल में रिकार्ड कर लिया। इस रिकार्डिंग को आयुष की मां ने फेसबुक पर डाल दिया। देखते ही देखते उसका भाषण वायरल हो रहा है। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, शायर इमराम प्रतापगढ़ी समेत कई हस्तियों ने आयुष के इस वीडियो को शेयर किया।
गांधी जी पर भाषण देकर सोशल मीडिया पर छाया वाराणसी का आयुष
यह भाषण दिया था
कौन कहता है कि मैं आंधी के साथ हूँ
गोडसे के दौर में भी गांधी के साथ हूँ।
कौन कहता है कि मैं आंधी के साथ हूँ
गोडसे के दौर में भी गांधी के साथ हूँ।
गांधीजी को रेलवे स्टेशन पर फेंक दिया गया लेकिन गांधीजी ने उस ज़ख्म को सहलाया नहीं बल्कि उसे कुरेदा और उनके अंदर एक हथियार उग आया। सिविल नाफरमानी। जालिम का कहा न मानना ही सिविल नाफरमानी है। बड़ी अजीब विडंबना है कि गांधी के देश के लोगों ने ही गांधी को सबसे कम पढा व समझा । हैरी पॉटर और चेतन भगत को दिन-रात , भोर दुपहरी एक करके पढ़ने वाली युवा पीढ़ी ने यदि गांधी जी को तबियत से पढ़ दिया होता तो आज पीढ़ियों का सबक कुछ और होता।
गांधी से बड़ा कोई हिन्दू नहीं था लेकिन गांधी के 'हे राम' से बाकी कौमें डरती नहीं थीं। गांधी जी का मानना था कि आंख के बदले आंख फोड़ने से तो पूरी दुनिया ही अंधी हो जाएगी। वो ये भी कहते थे कि ऐसी पढ़ाई जो आपके हुनर को बढ़ावा न दे वो बदतमीज़ी की पढ़ाई है। गांधी जी और अन्य सेनानियों के बलिदानों, आंदोलनों व जेल यात्राओं के फलस्वरूप हमारा देश आजाद हुआ। और हम देशवासी गांधी जी को इतना चाहते थे कि अगले ही वर्ष उन्हें तीन गोलियां मारकर उनकी यहीं समाधि बना दी। लेकिन गांधी कभी मरते नहीं है, क्योंकि गांधी एक व्यक्ति नहीं एक विचार का नाम है और विचार सदैव जीवित रहते हैं।
खुद नहीं न सही, आदमी का ख्वाब सही
कोई हसीन नज़ारा तो है नज़र के लिए
वो मुतमईन हैं कि पत्थर पिघल नहीं सकता
मैं बेकरार हूँ आवाज़ में असर के लिए।
कोई हसीन नज़ारा तो है नज़र के लिए
वो मुतमईन हैं कि पत्थर पिघल नहीं सकता
मैं बेकरार हूँ आवाज़ में असर के लिए।
वाट्सएप स्टेटस में भी गांधी जी
'गांधी बनने में एक उम्र लगती है, गोडसे तो एक पल में बना जा सकता है।' आयुष ने यही स्टेटस अपने वाट्सएप पर लगा रखा है। ऐसा भी नहीं है कि यह स्टेटस आयुष ने आज या कल लगाया है। आयुष ने यह स्टेटस 12 मई को लगाया था। इतनी छोटी उम्र में गांधी जी पर स्टेटस लगाना। उनके बारे में धारा प्रवाह बोलना बताता है कि आयुष के दिलो दिमाग में गांधी का जीवन दर्शन छाया हुआ है। अपने भाषण से आयुष अब सोशल मीडिया में सेलीब्रेटी बन चुके हैं।
'गांधी बनने में एक उम्र लगती है, गोडसे तो एक पल में बना जा सकता है।' आयुष ने यही स्टेटस अपने वाट्सएप पर लगा रखा है। ऐसा भी नहीं है कि यह स्टेटस आयुष ने आज या कल लगाया है। आयुष ने यह स्टेटस 12 मई को लगाया था। इतनी छोटी उम्र में गांधी जी पर स्टेटस लगाना। उनके बारे में धारा प्रवाह बोलना बताता है कि आयुष के दिलो दिमाग में गांधी का जीवन दर्शन छाया हुआ है। अपने भाषण से आयुष अब सोशल मीडिया में सेलीब्रेटी बन चुके हैं।
बीएचयू के पास स्थित सुसवाही में रहने वाले आयुष की दसवीं तक की पढ़ाई पास के नवनीता कुंवर स्कूल से हुई है। हिन्दुस्तान से बातचीत में आयुष ने बताया कि उसे एंकरिंग करने और भाषण देने का शौक पहले से है। स्कूल स्तर की कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया। पुरस्कार भी जीता। सीबीएसई गांधी जी की 150वीं जयंती के अवसर पर स्कूलों में प्रतियोगिताएं करा रही है। इसी क्रम में उसने भी गांधी दर्शन पर भाषण तैयार किया। इसके लिए उसने निलोत्पल मृणाल की किताब 'डार्क हार्स' और बीएचयू के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे चंचल के फेसबुक से कुछ कंटेट लिया। आयुष कहते हैं कि उसे उम्मीद नहीं थी कि उसका ढाई मिनट का भाषण इतना हिट हो जाएगा। देश की विशिष्ट हस्तियां के हाथों शेयर होने के बाद आयुष गदगद हैं।
आयुष के अनुसार नौ सितंबर को उनके भाषण को बायोलाजी की टीचर अनिता मिश्रा ने अपने स्मार्ट फोन से उसके दोस्त रुपेश यादव से रिकार्ड कराया था। तब किसी को नहीं पता था यहीं वीडियो आयुष को देश दुनिया में इतनी बड़ी पहचान देगा। आयुष को भाषण देने की कला विरासत में मिली है। उसके पिता गणेश शंकर चतुर्वेदी कोचिंग चलाते हैं। सामाजिक सरोकारों से जुड़े हुए हैं। अस्सी नदी बचाओं आंदोलन से भी जुड़े हैं। वह 2017 में विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। मूल रूप से जौनपुर चंदवक के पास पतरहीं गांव के रहने वाले आयुष आईएएस अधिकारी बनना चाहते हैं। इसी दृष्टि से पढ़ाई कर रहे हैं। अपने भाषण पर मिली प्रतिक्रिया से उत्साहित आयुष कहते हैं उन्हें अच्छा लगा कि लोग गांधी जी को जानना चाहते हैं। सेंट्रल हिन्दू ब्वायज स्कूल की प्रिंसिपल डा.नीरू बहल का कहना है कि स्कूल की असेंबली में बच्चों को बोलने का मौका दिया जाता है। मगर आयुष का भाषण इतना लोकप्रिय हो जाएगा। ऐसी उम्मीद नहीं थी। यह उनके लिए काफी गौरव का विषय है।
विभिन्न हस्तियों ने आय़ुष के बारे में यह कहा
'कोशिशें जारी हैं बुझाने की मगर
ये नवदीपक मशालें जलाते रहेंगे'।
-भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ के सीएम
ये नवदीपक मशालें जलाते रहेंगे'।
-भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ के सीएम
नई पीढ़ी की गांधी जी और स्वतंत्रता आंदोलन के प्रति ये सोच देखकर अपनी ऐतिहासिक विरासत पर गर्व होता है। बनारस के इस छात्र के विचारों ने मन खुश कर दिया। इस पीढ़ी के साथ भारत का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।
-प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिव
-प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिव
वो मुतमईन है कि पत्थर पिघल नहीं सकता,
मैं बेक़रार हूँ आवाज़ में असर के लिये'।
-इमरान प्रतापगढ़ी, यश भारती से सम्मानित शायर
मैं बेक़रार हूँ आवाज़ में असर के लिये'।
-इमरान प्रतापगढ़ी, यश भारती से सम्मानित शायर
इनके परिवार विशेषकर इनकी मां को बधाई। जो बच्चे को अभी से सत्य और अहिंसा के सबसे बड़े संत से मिलवा कर एक बेहतर नागरिक बना रही हैं। हमें खुशी हुई कि फेसबुक पर हमारा लिखा अकारथ नही हैं।
-चंचल, जार्ज फर्नांडिस के पूर्व निजी सचिव और बीएचयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष
-चंचल, जार्ज फर्नांडिस के पूर्व निजी सचिव और बीएचयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष
आयुष जैसे होनहार छात्र ने महात्मा गांधी के विचारों को आगे रखकर युवा पीढ़ी को एक सन्देश दिया। गांधीजी के प्रति एकाग्रतापूर्वक अपनी बातों को रखना गर्वपूर्ण बात है। गांधीजी व स्वतंत्रता के प्रति यह भाव देखकर सांस्कृतिक विरासत पर गर्व होता है।
-अजय राय, वाराणसी के पूर्व विधायक
-अजय राय, वाराणसी के पूर्व विधायक