अब 142 पदों का जारी किया परिणाम
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) में सीबीआइ की पांच दिनों तक चली गहन पड़ताल ने अधिकारी व कर्मचारियों की नींद उड़ा दी है। सीबीआइ की कार्रवाई के दायरे में कौन आएगा? क्या कार्रवाई होगी उसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। गुरुवार को अधिकारी व कर्मचारी सीबीआइ की कार्रवाई को लेकर आशंकित रहे। उन्हें डर सता रहा है कि हाईकोर्ट में अपना पक्ष मजबूत करने के लिए सीबीआइ जल्द ही कार्रवाई शुरू कर सकती है।
अगर ऐसा हुआ तो उसकी जद में कई अधिकारी व कर्मचारी आ सकते हैं। इसके मद्देनजर सभी बचाव का रास्ता खोजने में जुट गए हैं। कुछ तो खुद के खिलाफ कार्रवाई होने पर कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए कानूनविदों की सलाह ली जा रही है। सीबीआइ की टीम लोकसेवा आयोग द्वारा 2012 से 2016 तक कराई गई सारी परीक्षाओं व जारी किए गए परिणामों की जांच कर रही है। इसके मद्देनजर तकरीबन 550 से अधिक भर्ती परीक्षाओं व परिणामों की जांच होनी है। लेकिन, सीबीआइ की अभी तक की कार्रवाई काफी सुस्त रही।
मई 2018 में अज्ञात के नाम एफआइआर दर्ज करने के बाद जांच धीमी होती गई। वैसे सीबीआइ की टीम समय-समय पर आयोग आकर फाइलों की पड़ताल व अधिकारियों, कर्मचारियों से पूछताछ करती रही।
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : उप्र लोकसेवा आयोग ने राज्य नियोजन संस्थान के अंतर्गत सहायक सांख्यिकी अधिकारी पद का संशोधित परिणाम जारी किया। इसमें 26 अभ्यर्थियों का और चयन हुआ है, कुल चयनितों की संख्या बढ़कर अब 142 हो गई है।
अभ्यर्थियों की शिकायत पर आरक्षण प्रक्रिया की फिर से पड़ताल की गई, उसमें 26 अभ्यर्थी सफल पाए गए। यूपीपीएससी ने 373 पदों के लिए भर्ती निकाली थी। योग्य अभ्यर्थियों के न मिलने पर भर्ती में अब भी 195 पद खाली हैं। सहायक सांख्यिकी अधिकारी पद के लिए निकली भर्ती में अनारक्षित के 157, ओबीसी के 137, एससी के 77, एसटी के दो, क्षैतिज आरक्षण के अंतर्गत महिला अभ्यर्थियों के 74, भूतपूर्व सैनिक के लिए 18, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के लिए सात पद आरक्षित थे। इसकी स्क्रीनिंग परीक्षा 11 नवंबर को कराई गई। इसमें 1261 इंटरव्यू के लिए सफल हुए। अभ्यर्थियों से 16 मई 2019 को समस्त शैक्षिक अभिलेखों की मांगी गई। तीन जून तक 1133 अभ्यर्थियों ने अभिलेख जमा कर दिया। बाकी अभ्यर्थियों के कंप्यूटर सर्टिफिकेट व अंकपत्रों में गड़बड़ी बताकर उन्हें इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाया गया। आयोग में 22, 24, 26, 27, 28, 29 व 30 अगस्त को इंटरव्यू कराया। इंटरव्यू प्रक्रिया में 302 अभ्यर्थी ही शामिल हुए।
असमंजस में यूपीपीएससी के अधिकारी और कर्मचारी