फर्जी शिक्षक बर्खास्तगी 32 की, मुकदमा सिर्फ एक
गोरखपुर। फर्जी शिक्षकों के खिलाफ दो साल से चल रही जांच में अनियमितता की पुष्टि होने के बाद अब तक 32 शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके हैं लेकिन मुकदमा अब तक सिर्फ एक ही मामले में दर्ज कराया गया है। जबकि नियमानुसार बर्खास्तगी के बाद तुरंत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए था ताकि उस शख्स पर कार्रवाई हो सके जो सरकारी सिस्टम में भीतर तक सेंधमारी कर दूसरे शिक्षकों के दस्तावेज का इस्तेमाल कर सालों से नौकरी कर रहा था। इस आधी अधूरी कार्रवाई को लेकर शिक्षा विभाग भी अब कटघरे में है।
मुकदमा दर्ज कराने के लिए बेसिक शिक्षा निदेशक ने भी कई बार खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है, मगर इसके बाद भी खंड शिक्षा अधिकारी इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं। जिस वजह से करोड़ों रुपये का वेतन डकारने वाले फर्जी शिक्षकों से रिकवरी तक की कार्रवाई नहीं हो पा रही है। हाल ही में लखनऊ में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी की बैठक में भी प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया में तेजी लाने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है। मगर इसके बाद भी नतीजा सिफर रहा है। अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं लाना चाह रहे हैं।
15 दिन के अंदर सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को अपने अपने ब्लॉक में तैनात रहे फर्जी शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज करा रिपोर्ट तलब की गई है। हर हाल में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। कोई कोताही बर्दाश्त नहीं होगी।
- बीएन सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी