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मैनपुरी : 78 फर्जी शिक्षक होंगे बर्खास्त

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78 फर्जी शिक्षक होंगे बर्खास्त

जासं, मैनपुरी: एक साल से शिक्षाधिकारियों और विभागीय लिपिकों के लिए आय का श्रोत बने फर्जी शिक्षकों पर आखिरकार बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है। विभाग ने ऐसे 78 शिक्षकों को बर्खास्तगी संबंधी का नोटिस देने का जिम्मा एबीएस को सौंपा है। नोटिस रिसीव होने के बाद जवाब के लिए दस दिन का समय दिया गया है। इसके बाद बर्खास्तगी संबंधी कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. आंबेडकर विवि की 2004-05 की फर्जी डिग्री मामले में चिन्हित हुए 81 शिक्षकों को बीते साल एसआइटी जांच में आरोपित पाए जाने के बाद बीएसए ने बर्खास्तगी का नोटिस जारी किया था। कार्रवाई के खिलाफ शिक्षक हाई कोर्ट चले गए, जहां जांच जारी रखने और वेतन न रोकने के निर्देश जारी किए थे। विभागीय जानकार बताते हैं कि कोर्ट के इस आदेश को शिक्षाधिकारियों और बाबुओं ने ढाल बना लिया। बर्खास्तगी दूर, जांच की गति भी धीमी हो गई। जांच के दौरान एक शिक्षिका के कागजात ठीक पाए गए, लेकिन 80 शिक्षक फर्जी निकले। ऐसे शिक्षक- शिक्षिकाओं पर कार्रवाई करने के लिए शासन से लगातार निर्देश आते रहे। इस अंतराल तीन शिक्षकों को बर्खास्त कर कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

बेसिक शिक्षा सचिव की नाराजगी के बाद जिले में तैनात 78 फर्जी शिक्षक और शिक्षिकाओं को बर्खास्तगी के नोटिस मंगलवार को एबीएसए सुमित कुमार को दे दिए गए हैं। अब एबीएसए ऐसे शिक्षक- शिक्षिकाओं को नोटिस रिसीव कराएंगे। एबीएसए का कहना है कि नोटिस प्राप्त हो गए हैं, जिन्हें संबंधित को रिसीव कराए जाएंगे।

कोर्ट में दाखिल होगा कैविएट: बेसिक शिक्षा विभाग की सचिव रूबी सिंह ने बीएसए को इस नोटिस के जारी होने के बाद कोर्ट में मजबूती से कार्रवाई संबंधी बात रखने को कहा है। इसके बाद अब ऐसे शिक्षक -शिक्षिकाएं नोटिस प्राप्ति के दस दिन के बाद जवाब देंगे, इसके बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई होगी। सचिव ने ऐसे फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त करने के साथ ही उनके खिलाफ हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

शासन ने मांगी कार्रवाई की रिपोर्ट: बेसिक शिक्षा विभाग की सचिव रूबी सिंह ने बीएसए से फर्जी शिक्षकों को दिए जाने वाले कारण बताओ नोटिस और कोर्ट में की गई कार्रवाई का ब्योरा शासन को भी उपलब्ध कराने को कहा है।

नोटिस हुए जारी, एबीएसए कराएंगे रिसीव, दस दिन बाद जवाब

सीडी से खुला मामला

बेसिक शिक्षा विभाग में 81 सहायक शिक्षकों के मामले का राज विशेष अनुसंधान विभाग के पुलिस महानिदेशक की ओर से भेजी सीडी से से खुला। 13 दिसंबर 2018 को ऐसे शिक्षकों की संशोधित सीडी बीएसए को भेजी गई, जिसमें शासन ने विधि सम्मत कार्रवाई कर 31 जनवरी 2019 तक रिपोर्ट मांगी थी। अब तक शासन का मानना रहा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारियों की लचर कार्यशैली की वजह से ही ऐसे मामलों में कोर्ट ने स्टे जारी किया है।

सचिव के निर्देश पर 78 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर रिसीव कराने का दायित्व एबीएसए को दिया है। तीन शिक्षक पूर्व में बर्खास्त हो चुके हैं। एक के कागजात ठीक मिले थे। अब जवाब आने के बाद ऐसे शिक्षकों की बर्खास्तगी होगी। हाई कोर्ट में भी कैविएट दाखिल किया जाएगा। शासन को कार्रवाई से अवगत कराया जा रहा है।

विजय प्रताप सिंह, बीएसए।

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