मां बनी सुपर मॉम तो बदला शिक्षा का माहौल
अभिषेक मालवीय’अमेठी । बच्चों की पहली शिक्षक मां होती है, लेकिन इसकी कड़ी जब स्कूल से जुड़ती है तो शिक्षा का आकर्षणपाश नौनिहालों को विद्यालय की ओर बरबस ही खींच लेता है। यह पाश यूं ही नहीं बनता। इसके लिए मां को मॉम और सुपर मॉम बनना पड़ता है। सबसे बड़ी बात यह कि सरकारी स्कूलों को लेकर जो सोच लोगों के मन में बैठ गई है, उसके बीच बच्चों को यहां बुलाना ही एक चुनौती है। इसे आसान बनाया जामों विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय मूंघी की शिक्षिका बीना सिंह ने। उनके सुपर मॉम आइडिया नेअभिभावकों की सोच ही बदल दी। शिक्षिका ने नामाकंन व उपस्थिति बढ़ाने के लिए महिलाओं को जोड़कर उन्हें सामाजिक सरोकार के विषयों का ज्ञान कराया।
12 अगस्त वर्ष 2012 में शिक्षिका की तैनाती विद्यालय में सहायक अध्यापक पर तैनाती हुई। उस समय विद्यालय में बच्चों का नामाकंन 73 था, लेकिन उपस्थिति 20-22 बच्चों ही रही वो भी मिड डे मील तक। इसके बाद कोई छात्र विद्यालय में नहीं रुकता था।
बीना ने छात्रों की माताओं के साथ बैठक की। प्रयास सार्थक निकला और शैक्षिक सत्र 2014-15 में 120 बच्चों का नामाकंन हुआ। उपस्थिति भी अस्सी प्रतिशत रही। वर्ष 2016 में शिक्षिका ने सुपर मॉम का आइडिया खोजा। प्रत्येक शनिवार को विद्यालय में बच्चों की माताओं के साथ सामाजिक विषय पर गोष्ठी शुरू की। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर मां को रिबन व मुकुट पहनाकर सम्मानित किया गया। यह सिलसिला लगातार चलता रहा।
आइडिया को मिला अवार्ड: वर्ष 2016 में प्रदेश भर से नवाचार के आइडिया मांगे गए। शिक्षिका बीना का आइडिया भी इसमें भेजा गया। 20 नवंबर 2016 को उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इसके बाद शिक्षिका को वर्ष 2017 में अमेठी एक कदम कार्यक्रम में डीएम अमेठी, मार्च 2018 में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश व मार्च 2019 में आइआइटी दिल्ली में शिक्षामंत्री के हाथों सम्मान मिला।
बीना सिंह। प्राथमिक विद्यालय मूंघी में पढ़ने वाले बच्चों की मां को चुना गया सुपर मॉम
’>>शिक्षिका ने बदली प्राइमरी स्कूल में शिक्षा के स्तर को लेकर सोच
’>>समूह परिचर्चा से माताओं को भी कराया विषयों का ज्ञान
मां होती है मजबूत कड़ी
शिक्षिका ने कहा कि मां घर की मजबूत कड़ी होती है। उन्हें जोड़ने का मतलब सबका समर्थन है। इस प्रयोग से बच्चों के साथ माताओं में भी शिक्षा की सोच बदली है।
अब चल रहा सुपर मॉम-टू
अक्टूबर 2016 में बीना का पदोन्नति के साथ स्थानांतरण हो गया। नवंबर 2018 में वह पुन: प्राइमरी स्कूल मूंघी में प्रिंसिपल नियुक्त हुई तो उन्होंने सुपर मॉम टू कार्यक्रम की शुरुआत की है।