पुराना है फर्जी शिक्षकों की भर्ती का खेल
तेज प्रकाश त्रिपाठी ’ सिद्धार्थनगर । जिले में फर्जी शिक्षकों की भर्ती का खेल पुराना है। वर्ष 2013 से अब तक सैकड़ों शिक्षक पकड़े जा चुके हैं। बावजूद इसके अभी तक एसटीएफ व विभाग इस खेल के मास्टर माइंड तक नहीं पहुंच पाया है। केवल शिकायतों के आधार पर ही फर्जी शिक्षक चिन्हित होते रहे हैं। बावजूद इसके विभाग ने कभी भी फर्जीवाड़े को गंभीरता से नहीं लिया।
बेसिक शिक्षा विभाग में एक साल के अंदर 56 शिक्षकों को बर्खास्तगी की जा चुकी है। वर्ष 2013 से अब तक कुल 92 फर्जी शिक्षक पकड़े जा चुके हैं। शुक्रवार को हुई कार्रवाई के बाद इनकी संख्या 121 हो गई है। शिकायत पर वर्ष 2018 में तत्कालीन डीएम कुणाल सिल्कू ने सीडीओ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया था। 68 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की थी। इसमें 38 शिक्षक जाली दस्तावेजों पर नौकरी करते हुए पकड़े गए थे। इन्हे बर्खास्त किया गया था। इसके बाद 12 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया। कुछ समय के अंतराल पर एक-एक कर छह और शिक्षक बर्खास्त किए गए। इस बार 29 फर्जी शिक्षक बर्खास्त किए गए। बेसिक शिक्षामंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. सतीश द्विवेदी जनपद के इटवा विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं, उम्मीद है कि फर्जी शिक्षकों के लिए अब सिर्फ जेल का रास्ता ही बचेगा। देर सबेर अन्य फर्जी शिक्षकों पर भी कार्रवाई होगी।
जासं, सिद्धार्थनगर : जिले में तैनात शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच में फर्जीवाड़ा मिलने का क्रम जारी है। शनिवार को बर्खास्त होने वाले शिक्षकों में गीतिका सिंह, शालिनी सिंह ज्योति श्रीवास्तव, राम प्रकाश सिंह आशीष सिंह, मनु कुमार सिंह, सुमन यादव, सरोज, उपाध्याय, रूपेश कुमार श्रीवास्तव, कनकलता सिंह, शोभा यादव, जितेंद्र कुमार तिवारी, सुभन्जय कुमार सिंह, मो. खान, मो. अजहर इमाम, अटल बिहारी सिंह, विनोद कुमार सिंह, मिक्की सिंह, अंशु सिंह, रिंक यादव, किरन सिंह, स्नेहलता बरनवाल, विकास राय, अवनीश कुमार सिंह, शबाना वारसी, नवीन उसका बाजार, विवेक सिंह, विजय कुमार यादव, रमेश चंद्र शुक्ल, विजय पाल यादव आदि शामिल हैं।
इन शिक्षकों की हुई बर्खास्तगी