फर्जीवाड़ा रैकेट के कनेक्शन को तलाशने में लगी एसटीएफ
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर : जिले में कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई चल रही है। डेढ़ साल में अब तक 92 शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं। सभी मामले की जांच एसटीएफ व पुलिस कर रही है। इस वक्त एसटीएफ सिद्धार्थनगर से संतकबीरनगर का कनेक्शन तलाशने में जुटी हुई है। संतकबीरनगर में तैनात फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति में सिद्धार्थनगर में तैनात रहे कुछ बाबुओं की भूमिका संदिग्ध मिली है। बीएसए दफ्तर में ट्रांसफर होकर आए बाबू धर्मेन्द्र कुमार फजीवाड़े में जेल भी जा चुके हैं।
परिषदीय स्कूलों में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों की संख्या सैकड़ों में है। यह तत्कालीन बीएसए व बाबूओं की मिली भगत से कई लोगों को नौकरी दिलाने में सफल रहे हैं। एसटीएफ से जुड़े सूत्रों के अनुसार संतकबीरनगर में दर्जनों शिक्षक फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे हैं। इन्हें चिन्हित किया जा चुका है।
नौकरी दिलाने में शामिल लोगों के खिलाफ भी पुख्ता सबूत जुटाया जा रहा है। इन गिरोह का सिद्धार्थनगर से भी कनेक्शन जुड़े होने का अंदेशा है। एसटीएफ सभी बिन्दुओं को ध्यान में रखकर कार्य कर रही है। संभावना जताई जा रही है कि एसटीएफ जल्द ही नेटवर्क से जुड़े लोगों को गिरफ्तार कर सकती है। प्रकरण में शामिल अधिकारी एवं कर्मचारी भी डरे नजर आ रहे हैं।
बीएसए रामसिंह का कहना है संतकबीरनगर के बारे में फिलहाल उन्हें जानकारी नहीं है।
’>>संतकबीरनगर से ट्रांसफर होकर आए एक बाबू को हो चुकी है जेल
’>>फर्जी दस्तावजों के सहारे शिक्षक की नौकरी देने का मामला
फर्जीवाड़े से जुड़े सभी बिन्दुओं को खंगाला जा रहा है। रैकेट में शामिल किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी को बक्शा नहीं जाएगा। सबूत मिलते ही गिरफ्तारी की जाएगी। टीम लगातार काम कर रही है।
एसपी सिंह, प्रभारी एसटीएफ गोरखपुर