विद्यालय में शौचालय नहीं, हम नहीं जाएंगे पढ़ने
जागरण संवाददाता, सांथा : प्राथमिक विद्यालय बनखोरिया में शौचालय नहीं है। आवश्यकता पड़ने पर यहां बच्चों को दूर खेत में जाना पड़ता है। यही कारण है कि बीते कुछ सालों से यहां बच्चों का नामांकन लगातार घटा है। तमाम बच्चियां तो स्कूल ही जाना छोड़ चुकी हैं। अभिभावक भी अपनी बेटियों को स्कूल भेजने से परहेज करने लगे हैं। ऐसा भी नहीं है कि इसकी जानकारी जिम्मेदारों को नहीं है। प्रधानाध्यापक लगातार जिलाधिकारी से लेकर अपने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराते रहे हैं।
सरकार ने हर विद्यालयों पर बालक-बालिकाओं के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था अनिवार्य कर दी है। बनखोरिया के विद्यालय का भवन जर्जर हो गया है। चहारदीवारी भी नहीं है। विद्यालय के पीछे बड़ा पोखरा है। जहां पर हमेशा बच्चों का आना-जाना रहता है। इससे उनकी सुरक्षा का खतरा है। प्रधानाध्यापक द्वारा मूल सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कई बार जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र लिखा, परंतु नतीजा सिफर रहा।
बाहर जाने में आती है शर्म: प्रधानाचार्य के प्रयासों से शौचालय के लिए गड्ढा खोदा गया। इसके बाद भी निर्माण नहीं हो सका। अब तो छात्रएं विद्यालय में जाने से कतराने लगी हैं। सभी ने बाहर जाने में शर्म आने की बात कही। तीन वर्ष पूर्व स्कूल में साठ बच्चे थे। वर्तमान में मात्र 41 छात्रों का नामांकन है। विद्यालय के प्रधानाचार्य राजमणि प्रसाद ने कहा कि शौचालय के लिए कई बार अधिकारियों को पत्र लिखा गया। अब तक उन्हें इसके जवाब में आश्वासनों के सिवा कुछ नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि अब मैं पत्र लिखते- लिखते थक गया हूं।
बनखोरिया में जजर्र प्राथमिक विद्यालय ’ जागरण
शौचालय के लिए खोदा गया गड्ढा ’ जागरण
विद्यालय की जजर्र दीवार
स्कूलों में अनिवार्य रूप से शौचालयों का निर्माण कराने के निर्देश के बाद भी कई विद्यालयों में कार्य अधूरा