छात्र आठ सौ, शिक्षक दो चौपट हो रहा भविष्य
संवाद सहयोगी, खागा: यमुना कटरी क्षेत्र के अजरुनपुर गढा राजकीय इंटर कॉलेज में शिक्षकों का संख्या बल प्राथमिक स्कूल से भी बदतर है। प्रधानाचार्य समेत तीन शिक्षकों के भरोसे संचालित इंटर कॉलेज में आठ सौ छात्र-छात्रओं का भविष्य टिका हुआ है। महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक होने से छात्रों की शिक्षा अधर में लटकी हुई है। आधा शैक्षिक सत्र बीत जाने के बाद भी विद्यालय में कई विषयों का श्रीगणोश ही नहीं हुआ। छात्रों के भविष्य से चिंतित अभिभावकों ने मुख्यालय आकर आवाज उठाई, इसके बाद भी शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई।
ब्लाक क्षेत्र की बड़ी ग्राम सभाओं गढ़ा, महेशपुर मठेठा, अहमदगंज तिहार, रारी, सरौली आदि से विद्यालय आने वाले छात्र-छात्रओं को शिक्षकों की कमी से जूझना पड़ता है। छात्रों का कहना था विद्यालय में प्रधानाध्यापक विश्वनाथ समेत मात्र तीन शिक्षकों की तैनाती है। बताते हैं कालेज में कक्षा छह से 12 वीं तक 800 से अधिक छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं। हंिदूी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित व अन्य विषयों की शिक्षा ग्रहण करने की खातिर सुदूर गांवों से पैदल चलकर कालेज आने वाले छात्र-छात्रएं बिना पढ़ाई किए ही वापस लौट जाते हैं। कालेज के छात्र-छात्रओं पवन कुमार, सपना देवी, शालू, सुरेंद्र कुमार, ¨प्रश त्रिपाठी, यशराज सिंह, संदीप त्रिपाठी, आर्यन त्रिपाठी, आदि ने बताया कि दो दिन पहले ही जिलाधिकारी महोदय से मिलकर शिक्षकों की कमी दूर करने की गुहार लगाई थी। दो दिन बीतने के बाद भी कोई सकारात्मक पहल नहीं हो सकी है। छात्रों का कहना था आगामी नवंबर महीने से परीक्षाएं शुरु हो रही हैं। जब कोर्स की पढ़ाई ही नहीं की गई तो परीक्षा में क्या लिखेंगे, यह समझ में नहीं आ रहा है।
किन-किन विषयों के शिक्षक नहीं: राजकीय इंटर कॉलेज में अंग्रेजी, गणित, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान व चित्रकला विषय पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं। यहां पर तैनात शिक्षकों को विभाग ने अलग-अलग गांवों में खुले विद्यालयों में भेज दिया।
राजकीय इंटर कालेज अजरुनपुर गढ़ा ’
कॉलेज में शिक्षकों की कमी का प्रकरण उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है। डीआइओएस से आश्वासन मिला है कि जल्द ही शिक्षकों की कमी दूर की जाएगी।
विश्वनाथ, प्रधानाचार्य जीआईसी अजरुनपुर गढ़ा