कठपुतली के जरिए बताया शिक्षा का महत्व
सुलतानपुर : नगर संसाधन केंद्र में लिग समानता आधारित मीना मंच के बच्चों ने थियेटर व पपेट्री विषय पर हुई कार्यशाला में शिक्षा, स्वास्थ्य पोषण आदि पर प्रस्तुति दी। कठपुतली बनाकर फाख्ता और चींटी की कहानी साउंड व लाइट के प्रयोग से प्रस्तुत किए। बच्चियों ने इसके जरिए शिक्षा लोगों के लिए कितना जरूरी है, यह संदेश देने की कोशिश की। जिला समन्वयक बालिका शिक्षा ओपी त्रिपाठी ने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा आधुनिक परिवेश में किसी तरह से बाधित नहीं होनी चाहिए। महिला सशक्तीकरण के लिए आवश्यक है कि उन्हें उच्चतम शिक्षा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि मीना मंच एक सशक्त माध्यम है और सभी बालिकाएं मीना हैं। मास्टर ट्रेनर जगन्नाथ ने ग्लब्स पपेट बनाने की विधि बच्चों को सिखाई। स्कूल जाकर दूसरे बच्चों को भी इस विधा बताने के लिए प्रेरित किया। आराधना यादव ने छाया कठपुतली बनाकर दिखाया। श्रद्धा तिवारी ने थियेटर कार्यालय पर चर्चा की। प्रशिक्षण में दूबेपुर, कुड़वार, कूरेभार, नगर क्षेत्र, लम्भुआ, भदैंया के उच्च प्राथमिक विद्यालय मीना मंच की बच्चियों ने प्रतिभाग किया। उन्हें रंगमंच व अभिनय की बेसिक चीजें बताई। उन्हें समूह में बांटकर नाटक और समूह गीत सिखाए गए। अंजली विश्वकर्मा, डॉ.किरन पाल, रागिनी सिंह, मिनी मिश्रा, दीपा सिंह, प्रत्यूष, अलका गुप्ता, सुनीता, आकांक्षा, प्राची सुमन आदि ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।