बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना मीना मंच का उद्देश्य
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : मीना एक काल्पनिक कैरेक्टर है। इसकी परिकल्पना यूनिसेफ द्वारा 1990 में दी गई थी। सर्वप्रथम 24 सितंबर सन 1998 को उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यालयों में मीना मंच का गठन प्रारंभ किया गया था। इसका उद्देश्य बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना तथा विद्यालय स्तर पर लैंगिक भेदभाव को दूर कर बच्चियों को शिक्षा से जोड़ना है।
यह बातें ब्लाक नोडल मृदुला वैश्य ने कही। वह मंगलवार को मीना मंच के जन्म दिवस पर बीआरसी ब्रrापुर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थी। खंड शिक्षा अधिकारी उदयभान कुशवाहा के दिशा-निर्देशन व अध्यक्षता में महिला विकास में आधुनिकीकरण वरदान या अभिशाप विषय पर ब्लाक स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसका संचालन ब्लाक सह समन्वयक विज्ञान प्रवीण जायसवाल ने किया। वाद-विवाद प्रतियोगिता में 25 से अधिक प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के पुरुष शिक्षकों एवं महिला शिक्षकों ने पक्ष-विपक्ष में अपने विचार रखें। मूल्यांकन खंड शिक्षाधिकारी उदयभान कुशवाहा के निर्णायक मंडल द्वारा किया गया। पक्ष में प्रथम स्थान पर वंदना सिंह पूर्व माध्यमिक विद्यालय बिशुनपुरा, द्वितीय स्थान पर स्वाति शुक्ला प्राथमिक विद्यालय डुमरी एवं तृतीय स्थान पर नम्रता पांडेय प्राथमिक विद्यालय राजधानी रहीं।
जबकि विपक्ष में प्रथम स्थान पर वीरेंद्र प्राथमिक विद्यालय सधना, द्वितीय स्थान पर मृदुला वैश्य पूर्व माध्यमिक विद्यालय मीठाबेल तथा तृतीय स्थान पर जाहिदा अंसारी प्राथमिक विद्यालय बरगदही रहे। सभी विजेताओं को खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा पुरस्कृत किया गया। इसी अवसर पर सुनील सिंह, भारतेंदु यादव, राजेश गुप्ता, मोहम्मद आसिम, शिखा द्विवेदी, अपूर्वा द्विवेदी, समस्त संकुल प्रभारी व शिक्षक मौजूद रहे।
’>>मीना मंच के जन्म दिवस पर ब्रrापुर बीआरसी पर कार्यक्रम का आयोजन
’>>महिला विकास में आधुनिकी -करण वरदान या अभिशाप पर वाद-विवाद प्रतियोगिता