पीसीएस और एपीएस भर्ती पर निर्णायक कार्रवाई की तैयारी
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : पांच दिनों तक उप्र लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) में गहन जांच करने के बाद सीबीआइ की टीम दिल्ली रवाना हो गई। टीम के सदस्य बुधवार की सुबह दिल्ली रवाना हुए। आयोग से जाते समय टीम अपने साथ पांच दर्जन से अधिक फाइलें व रिकॉर्ड, कंप्यूटर में फीड डाटा के साथ अधिकारियों व कर्मचारियों से हुई पूछताछ के आधार पर बनी रिपोर्ट लेकर गई है। माना जा रहा है कि सीबीआइ को पीसीएस 2011, 15 व एपीएस 2010 की भर्ती पर गड़बड़ी मिली है। गड़बड़ी करने वाले आयोग के कुछ अधिकारी व कर्मचारी भी चिह्न्ति कर लिए गए हैं। जल्द ही उनके नामों का उजागर करके कार्रवाई की जाएगी।
सीबीआइ की टीम इधर 20 सितंबर को आयी, 24 सितंबर तक जांच की। जांच का मुख्य केंद्र पीसीएस 2011 व 15 के साथ एपीएस 2010 की भर्ती रही। टीम के सदस्यों ने उससे जुड़ी फाइलों को खंगाला। कंप्यूटर में दर्ज परीक्षा से जुड़े ब्योरा को जांच। साथ ही जांची गई कापियों को निकलवाकर देखा। पीसीएस 2011 की भर्ती परीक्षा स्केलिंग में नंबर बढ़ाने व घटाने की प्रक्रिया की जांच किया। पीसीएस 2015 की स्केलिंग व मॉडरेशन में अपनाई गई प्रक्रिया को समझा। एपीएस 2010 की भर्ती में नंबर कम व ज्यादा होने के बारे में मिली शिकायत के आधार पर अपना ब्योरा एकत्र किया। दोनों परीक्षाओं को कराने में अहम भूमिका निभाने वाले 16 अधिकारियों व कर्मचारियों से घंटों पूछताछ की गई। इनके साथ पांच-छह शिकायतकर्ताओं को सीबीआइ के कैंप कार्यालय बुलाकर पूछताछ की गई।
गौरतलब है कि सीबीआइ को लोकसेवा आयोग द्वारा 2012 से 2016 तक कराई गई सभी परीक्षाओं व जारी हुए परिणामों की जांच करनी है। इसमें तकरीबन 550 से अधिक भर्ती परीक्षाओं व परिणामों की जांच होनी है। मई 2018 में अज्ञात के नाम एफआइआर दर्ज करने के बाद सीबीआइ की जांच की प्रक्रिया धीमी होती गई। सीबीआइ की टीम समय-समय पर आयोग आकर फाइलों की पड़ताल व अधिकारियों, कर्मचारियों से पूछताछ करती रही। लेकिन, उसका कोई परिणाम नहीं निकला। सीबीआइ की सुस्त प्रक्रिया से आहत प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अवनीश पांडेय ने समयबद्ध जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। इसके बाद सीबीआइ की सक्रियता बढ़ गई है।
उप्र लोकसेवा आयोग से तमाम फाइलें लेकर गई सीबीआइ, निशाने पर हैं आयोग के कई अफसर व कर्मचारी