छात्रों के शैक्षिक मूल्यांकन के लिए होंगी लिखित परीक्षाएं
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : परिषदीय स्कूलों और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने और उनके विद्यार्थियों के सीखने समझने के स्तर को सुधारने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है। चालू सत्र में परिषदीय स्कूलों में कक्षा पांच से आठ और कस्तूरबा विद्यालयों में छठवीं से आठवीं कक्षाओं की छात्रओं के शैक्षिक मूल्यांकन के लिए सितंबर और फरवरी के आखिरी हफ्तों में लिखित परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
परीक्षा के लिए स्कूलों में बाहरी पर्यवेक्षक तैनात किए जाएंगे। बच्चों के लर्निंग आउटकम के आधार पर स्कूल, ब्लॉक और जिले का रिपोर्ट कार्ड निर्धारित किया जाएगा। स्कूल के प्रदर्शन के आधार पर उसके शिक्षकों का रिपोर्ट कार्ड भी तय होगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। परीक्षाओं के आयोजन की निगरानी के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारी और तहसील स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी। जिला स्तरीय समिति हर स्कूल में परीक्षा की निगरानी के लिए एक नोडल अधिकारी/शिक्षक को बतौर पर्यवेक्षक नियुक्त करेगी। नोडल अधिकारियों का चयन जिले, तहसील व ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध राजपत्रित अधिकारियों, अन्य सक्षम अधिकारियों, माध्यमिक विद्यालयों, उच्च शिक्षा के कॉलेजों के शिक्षकों में से किया जाएगा। हर नोडल अधिकारी को एक स्कूल आवंटित किया जाएगा। कक्षा पांच की परीक्षा में हंिदूी, अंग्रेजी, गणित और विज्ञान के सवाल पूछे जाएंगे। वहीं छठवीं से आठवीं की परीक्षा के प्रश्नपत्र में इन विषयों के अलावा सामाजिक विषय के प्रश्न भी शामिल होंगे। कक्षा पांच से आठ तक की परीक्षाओं के प्रश्नपत्र में 50 बहुविकल्पीय/लघुउत्तरीय प्रश्न होंगे। परीक्षा की अवधि दो घंटे होगी। परीक्षाओं के प्रश्नपत्र तैयार कराने की जिम्मेदारी राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) पर होगी। उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर बीटीसी प्रशिक्षु करेंगे। परीक्षा के प्राप्तांक पोर्टल पर फीड किये जाएंगे। स्कूल का ग्रेड सैद्धांतिक रूप से स्कूल के सभी शिक्षकों के ग्रेड को प्रदर्शित करेगा।
बेसिक शिक्षा विभाग का शैक्षिक गुणवत्ता पर फोकस, सितंबर और फरवरी में होंगी परीक्षाएं