चौतरफा दबाव के बाद सीबीआइ जांच तक पहुंचा मामला
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: दिवंगत बेटी को न्याय दिलाने के लिए माता-पिता ने अपने प्राण की बाजी लगाने का निर्णय ले लिया था। प्रशासन की ओर से सार्थक पहल नहीं हो रही थी, लेकिन प्रशासन की मंशा माता-पिता का हौसला नहीं तोड़ सकी। उन्होंने आखिरी सांस तक भूख हड़ताल का निर्णय लिया तो प्रशासन को अपनी जिद छोड़नी पड़ी।
अनुष्का की मौत के मामले की जांच में लापरवाही बरते जाने से जनता में भी आक्रोश था। शहर-देहात के लोग आए दिन कैंडल जुलूस निकाल निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे। छात्र के माता-पिता ने भूख हड़ताल की तो उन्हें जनता का भरपूर सहयोग मिलना शुरू हो गए। पहले ही दिन शहर के दुकानदार, समाजसेवी व आम जनता पालिका स्थित शहीद पार्क में पहुंचने लगी। हर कोई अनुष्का को न्याय दिलाने के आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लेने की बात कहता दिखाई दे रहा था। राजनैतिक दल भी माता-पिता के समर्थन में आ गए थे। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के ट्वीट के बाद जिले के कांग्रेसी भी आंदोलन के रास्ते पर चल पड़े थे। कांग्रेस के कई पदाधिकारी लखनऊ से मैनपुरी आ गए। मंगलवार को कलक्ट्रेट के तिकोनिया पार्क में धरना देकर मामले में सीबीआइ से जांच कराने की मांग की। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी भी आंदोलन को अपना समर्थन दे रही थी। विधायक राजकुमार यादव ने आगामी विधानसभा सत्र न चलने देने की धमकी दी थी। इसके साथ ही अखिलेश यादव के मैनपुरी आने की चर्चा ने भी अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी थी। आंदोलन को मिल रहे आम समर्थन के बाद घटना को खुदकशी बताने वाले अधिकारी भी बैकफुट पर नजर आने लगे थे। चौतरफा दबाव के चलते अधिकारियों ने मंगलवार देर शाम सीबीआइ जांच की संस्तुति करने का फैसला लिया। अगर ये संस्तुति परिजनों द्वारा भूख हड़ताल का नोटिस देने के बाद कर दी जाती तो परिजनों को भूख हड़ताल पर नहीं बैठना पड़ता।
प्रदेशभर में निकाले गए कैंडल जुलूस: छात्र की हॉस्टल में मौत ने पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी है। हर किसी को छात्र के माता-पिता के साथ सहानुभूति है। छात्र को श्रद्धांजलि देने के लिए सभी जिलों में श्रद्धांजलि सभा व कैंडल जुलूस निकाले गए हैं। पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने से अन्य जिलों में भी प्रशासन के रुख को लेकर चर्चा होने लगी थी।
आरोपित के परिजनों ने भी दिया था धरना: घटना में आरोपित छात्र के परिजनों ने भी झूठ फंसाए जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने भी मामले की जांच पुलिस से हटाकर सीबीआइ से कराने की मांग की थी। उनकी मांग पर सुनवाई नहीं हुई तो परिजन व लोधी समाज के लोग धरने पर बैठ गए थे। मामला सीबीआइ को सौंपे जाने की सिफारिश के बाद आरोपित छात्र के परिजनों को भी निष्पक्ष जांच का भरोसा जागा है।
अनुष्का के माता-पिता को जूस पिकालकर भूख हड़ताल समाप्त कराते जिलाध्यक्ष आलोक गुप्ता व अन्य ’ जागरण
समर्थन में थी जनता, प्रदेश भर में हो रहे थे प्रदर्शन, राजनैतिक दल व सामाजिक संगठनों ने पकड़ ली थी आंदोलन की राह
अस्पताल में भर्ती कराए गए माता-पिता
अनशन करने से छात्र के माता-पिता की हालत बिगड़ने लगे थे। रक्तचाप के अलावा शुगर लेबल भी घट गया था। अनशन समाप्त करने के बाद अधिकारियों ने दोनों को जिला अस्पताल पहुंचाया। यहां दोनों के स्वास्थ्य की जांच की गई। कुछ देर उपचार के बाद दोनों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।