उत्तराखण्ड : तीसरे बच्चे पर नहीं मिलेगा मातृत्व अवकाश
जागरण संवाददाता, नैनीताल : मातृत्व लाभ अधिनियम को लेकर उत्तराखंड स्थित नैनीताल हाई कोर्ट ने बड़ा आदेश पारित किया है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार की विशेष अपील स्वीकार करते हुए एकलपीठ का महिलाओं को तीसरे बच्चे के जन्म पर भी अवकाश देने के आदेश को निरस्त कर दिया है। अदालत के आदेश के बाद अब राज्य की सेवाओं में कार्यरत महिलाओं को तीसरे बच्चे के जन्म पर मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत अवकाश नहीं मिलेगा।
हल्द्वानी निवासी नर्स उर्मिला मसीह को तीसरी संतान पर मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत लाभ नहीं दिया गया तो उसने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में नियमों का हवाला देते हुए नर्स ने कहा कि सरकार का नियम मातृत्व लाभ अधिनियम का उल्लंघन करता है। 2018 में एकलपीठ ने इस अधिनियम को अवैधानिक घोषित कर दिया था। एकलपीठ के इस आदेश को सरकार ने विशेष अपील दायर कर चुनौती दी। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सरकारी वकील परेश त्रिपाठी ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद-42 अर्थात नीति निर्देशक तत्वों में शामिल है, जिसको लागू करने के लिए याचिका दायर नहीं की जा सकती।