रसोइयों को हटाने में अब नहीं होगी मनमानी
जासं, मैनपुरी: जिला में बेसिक के स्कूलों में विद्यार्थियों को मिड-डे मील बनाने वाली रसोइयों को अब हटाने में प्रधानों की मनमर्जी नहीं चलेगी। करीब चार हजार से ज्यादा रसोइया जिले में एमडीएम बनाने का दायित्व निभाती हैं। प्रधान की मर्जी से इनको हटा दिया जाता है। अब शासन ने इनको राहत दी है।
जिले के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल में मिड-डे मील बनाने के लिए रखी गईं करीब चार हजार से ज्यादा रसोइयों के लिए यह राहत भरी खबर है। ग्राम प्रधानों की मर्जी पर अब उन्हें हटाया नहीं जा सकेगा। किसी रसोइयों को उनके कार्य के असंतोषजनक होने पर हटाने के लिए भी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ेगी। इस संबंध में विशेष सचिव बेसिक शिक्षा ने निर्देश जारी कर दिए हैं।
वैसे अब तक रसोइयों का चयन हर साल होता था। इनके चयन में विधवा, एससी-एसटी और ओबीसी को वरीयता मिलती है। ऐसे में हर साल चयन होने और इस श्रेणी के आवेदकों के आने पर सामान्य वर्ग के आवेदकों हटाना पड़ता था। चयन के बाद भी किसी रसोइयों के ग्राम प्रधान से न बनने पर उसे हटा दिया जाता था।
अब रसोइयों को हटाने में किसी की मर्जी नहीं चलेगी। विशेष सचिव द्वारा जारी निर्देश में स्पष्ट कहा है कि रसोइयों की सेवाएं यदि संतोषजनक है तो उन्हीं रसोइयों की सेवा का नवीनीकरण इस सत्र के लिए कर दिया जाएगा। किसी विद्यालय में रसोइया का पद रिक्त होने पर उसको शासनादेश का पालन किया जाएगा, क्योंकि सेवा के संतोषजनक होने का निर्धारण संबंधित ग्राम पंचायत समिति अथवा समिति करेगी। समिति द्वारा रसोइयों के वर्ष भर के कारणों से असंतुष्ट होने की दशा में प्रक्रिया के अनुसार नए रसोइए का चयन किया जाएगा।
मिड-डे मील बनाने वाली रसोइयों को मिली राहत, कार्य असंतोष के आधार पर हटाने की प्रक्रिया करनी होनी पूरी