वाहनों में ठूसे जा रहे कान्वेंट स्कूल के बच्चे, प्रशासन मौन
जागरण संवाददाता, आनंदनगर, महराजगंज: पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के निजी स्कूलों में कमाई का खेल बच्चों की जान पर बन रहा है। इसका नजारा स्कूल वाहनों को देखकर मिलता है। जिसमें क्षमता से तीन गुना अधिक तक बच्चों को लादकर उनके घरों से स्कूल और स्कूल से घरों तक ले जाया जाता है। यह नजारा आम है। बच्चों को छोटे से छोटे वाहनों में भूसे की तरह भर दिया जाता है। इसके बाद वाहन चालक अपनी फुल रफ्तार से सड़क पर फर्राटा भरता है। बच्चे स्वभाव से कुछ चंचल होते हैं। इसलिए खतरे की फिक्र किए बगैर ही अपनी मस्ती में मशगूल रहते हैं। ऐसे में इनके अभिभावक व स्कूल प्रबंधन को गंभीरता दिखानी होगी। समरधीरा, रानीपुर, मोहनापुर व ताल्हि में कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिल रहा है। किराए के नाम पर मोटी रकम ऐंठने के बाद भी खटारा टैंपों में भूसे की तरह ठूंस-ठूंसकर बच्चों को भरा जाता है। ग्रामीण क्षेत्र का दायरा महज चार से छह किमी की दूरी में सिमटा है, मगर स्कूलों में प्रति बच्चे से किराए के नाम पर 600-1000 रुपये वसूले जा रहे हैं। कापी-किताब, एडमिशन फीस और ड्रेस के साथ अभिभावकों को महंगाई में स्कूल वाहन का किराया भी चुकाना भारी पड़ रहा है। उपजिलाधिकारी फरेंदा राधेश्याम बहादुर सिंह ने कहा कि वाहन में क्षमता से अधिक सवारी बैठाना गैर कानूनी है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
लापरवाही