स्कूल में भरा पानी तो खुले में आसमान के नीचे लगा दी पाठशाला
चंदापुर किटौली गांव के पास साइफन न बनाये जाने से रविवार को हुई बरसात के चलते जलभराव हो गया। जिसके चलते चंदापुर माझा के परिषदीय स्कूल में पानी भर गया। सोमवार को स्कूल खुलने पर बच्चे व अध्यापक जब स्कूल पहुंचे तो पानी से घिरा हुआ...
गोंडा : परिषदीय स्कूल में बाढ़ का पानी भर गया तो शिक्षकों ने छप्पर के नीचे व खुले में पाठशाला लगा दी। शिक्षकों की निष्ठा व छात्रों के लगन ही कर कोई तारीफ कर रहा है।
चरसड़ी बांध में चंदापुर किटौली गांव के पास साइफन न बनाए जाने से जलभराव हो गया। इसके चलते चंदापुर माझा के परिषदीय स्कूल में पानी भर गया। सोमवार को स्कूल खुलने पर बच्चे व अध्यापक जब स्कूल पहुंचे तो पानी से घिरा हुआ देख दंग रह गए। इस स्कूल में 175 बच्चे नामांकित हैं। प्रभारी प्रधानाध्यापक सचिन कुमार जायसवाल ने बताया कि बच्चों को गांव में ही ऊंचे स्थान पर ले जाया गया। यहीं पर उन्हें पढ़ाया गया। विद्यालय में पानी भर जाने की सूचना बीईओ को दे दी गई है। बताते चलें कि 54.400 किमी चरसड़ी बांध का निर्माण वर्ष 2005-06 में गोंडा, बाराबंकी व बहराइच जिला के घाघरा नदी के तटवर्ती गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए कराया गया था। यह बांध 25 किमी गोंडा जिला में बना है। पानी से फसलों व घरों को बचाने के लिए प्रति एक किमी पर एक साइफन बनाया जाना था। जिले में चरसड़ी, नंदौर व बहुअन मदार मांझा गांव मिलाकर कुल तीन साइफन बना है जो कम है। इस कारण संबंधित गांवों में जलभराव की समस्या है।