जर्जर भवनों में पढ़ाया तो निलंबित होंगे शिक्षक
संवादसूत्र, बाराबंकी : सरकारी स्तर पर सुरक्षा के दावे हकीकत में कोसों दूर हैं। बच्चों का स्कूलों में नामांकन कराने पर जोर है पर कई स्कूल जर्जर हैं, इसे ठीक कराने पर ध्यान नहीं है। 250 जर्जर स्कूलों में बच्चों के पढ़ाए जाने पर रोक लगा दी गई है। आदेश है कि कोई भी अध्यापक जर्जर भवन में शिक्षण कार्य करता मिला, उसे निलंबित कर दिया जाएगा।
जिले के 3017 प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं। इसमें से ढाई सौ परिषदीय विद्यालय जर्जर अवस्था में हैं, जहां नौनिहाल जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को विवश हैं। तीन सौ से अधिक विद्यालय में मामूली मरम्मत लायक हैं। बरसात के दिनों में इनकी छतें टपकती रहती हैं। सूरतगंज के प्राथमिक विद्यालय पंडितपुरवा काफी जर्जर है।
संसरडा में बरसात के दिनों में पानी टपकता रहता है। दरियाबाद के मरखापुर का प्राथमिक विद्यालय काफी जर्जर है, यहां भी बारिश के दिनों में बच्चे बाहर निकल आते हैं। बनीकोडर के ब्लॉक के बेरिया गजपतिपुर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय, सूपामऊ का प्राथमिक विद्यालय व पूर्व माध्यमिक विद्यालय, जूनियर हाई स्कूल हैदरगढ़ का भवन जर्जर है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर पहले भी आदेश था और शुक्रवार को भी आदेश जारी कर दिया है। बीईओ को निर्देश दिया गया है कि जर्जर भवन में बच्चों की पढ़ाई कताई न कराई जाए। यदि कक्षाएं संचालित होती मिलती हैं तो शिक्षक के निलंबन की संस्तुति भेजी जाए।
डीएम के निर्देश पर बीएसए ने दिए आदेश, 250 भवन हैं निष्प्रयोज्य