फर्जी अभिलेख लगाकर बने शिक्षक, बर्खास्त
फर्जी अभिलेख के सहारे सहायक अध्यापक की नौकरी हासिल करने वाले दो लोगों की सेवा समाप्त कर दी गई है। खंड शिक्षा अधिकारी को एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। बीएसए मनिहारी सिंह ने बताया कि बस्ती जनपद के ग्राम पडरौना निवासी नर्वदा चंद्र की नियुक्ति 23 जनवरी 199...
गोंडा : बेसिक शिक्षा परिषद की शिक्षक भर्ती में व्यापक स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ था। जैसे-जैसे अभिलेखों का सत्यापन हो रहा है, इसकी परतें खुल रही हैं। फर्जी अभिलेख के सहारे शिक्षक पद हासिल करने वाले दो और लोगों को बर्खास्त कर दिया गया। खंड शिक्षा अधिकारियों को एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।
बीएसए मनिराम सिंह ने बताया कि बस्ती जनपद के ग्राम व पोस्ट मडपौना निवासी नर्वदा चंद्र को 23 जनवरी 1998 में छपिया के प्राथमिक विद्यालय कम्मरपुर में तैनाती मिली थी। पांच अक्टूबर 2007 को प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति करते हुए प्राइमरी स्कूल वासुदेवपुर ग्रंट में तैनाती दी गई। गत 13 अगस्त को महराजगंज जिले में तैनात नर्वदा चंद्र ने पत्र भेजकर अपने पैन नंबर से यहां टीडीएस कटौती किए जाने की शिकायत की। इसकी जांच कराई गई तो फर्जीवाड़ा करने वाले के बारे में पता चला। इसके बाद संबंधित को नोटिस जारी कर 13 सितंबर तक पक्ष रखने के लिए बुलाया गया लेकिन, कोई जवाब नहीं आया। बेलसर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय पूरे रामदास में सहायक अध्यापक पद पर तैनात फिरोजाबाद के शिकोहाबाद निवासी सुनील सिंह की नियुक्ति 27 अगस्त 2016 को हुई थी। इनके आवेदन पत्र में शामिल निवास प्रमाण पत्र व जाति प्रमाण पत्र की ऑनलाइन जांच की गई। यह दूसरे के नाम से दर्ज पाए गए। इनको भी पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था लेकिन, उपस्थित नहीं हुए। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि दोनों आरोपितों को बर्खास्त कर रिकवरी का नोटिस भेजा जा रहा है।
60 लोग किए जा चुके बर्खास्त
-बेसिक शिक्षा परिषद की विभिन्न भर्ती में फर्जी अभिलेख लगाकर नौकरी हासिल करने के मामले में 58 लोगों को बर्खास्त किया जा चुका था। अब नए प्रकरण के बाद यह संख्या 60 पहुंच गई है। अभी अभिलेखों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। सूत्रों का कहना है कि कई शिक्षकों के अभिलेख संदिग्ध हैं, जिसकी गहनता से जांच कराई जा रही है।