अक्षरों के उजियारे में पर्यावरण की ‘क्लास’
वीरभान सिंह’ मैनपुरी
बदलाव के जुनून ने उन्हें हरियाली का निगहबान बना दिया। बच्चों की दुनिया में अक्षरों का उजाला भरने के साथ शिक्षिका पर्यावरण की सीख से भविष्य संवार रही हैं। पौधे लगाने के साथ बचाने का कौशल सिखाया जा रहा है। पेड़ों को बचाने के लिए उन पर लाल फीता बांधने के उनके कदम को लोग रेड टैप मूवमेंट के नाम से पुकारने लगे हैं।
प्राथमिक विद्यालय नाहिली प्रथम में सहायक अध्यापक करहल रोड निवासी निशंका जैन जो कर रही हैं अगर वह सारे शिक्षकों का ध्येय बन जाए तो यह दुनिया रहने लायक हो जाए। प्लास्टिक की बोतलों और टायरों को एकत्र कर उन्होंने बच्चों को गमले बनाना सिखाया। फिर बच्चों से पौधे रोपित कराए।
कदम बढ़े तो काम को आगे ले जाने की सोची। बच्चों के साथ गांवों में वृक्षों को बचाने की मुहिम शुरू की है। बच्चे शिक्षिका के साथ अभिभावकों से वृक्षों की देखभाल की जिद करते हैं। इसका असर भी हुआ। गांव की महिलाओं ने बच्चों और शिक्षिका के साथ मिलकर पेड़ों में लाल रंग के फीते बांधे हैं। अभियान को नाम दिया गया है रेड टेप मूवमेंट। बच्चे जो पौधे रोपते हैं, उन पर लाल रंग का फीता बांधकर उनकी देखभाल का जिम्मा सौंपा जाता है।
कई घरों की दीवारें दे रहीं संदेश: डेढ़ वर्ष पहले शुरू की गई पर्यावरण संरक्षण की इस मुहिम में गांव के लोग भी जुड़ने लगे हैं। बच्चों से बोतलों को काटकर गमला बनाना सीख गांव में ज्यादातर लोगों ने इसे पौधरोपण के साथ घर की सजावट के लिए भी प्रयोग में लाना शुरू कर दिया है।
किताबी ज्ञान के साथ शिक्षिका बच्चों में जगा रहीं पर्यावरण की अलख
पौधों की सुरक्षा के लिए रेड टेप मूवमेंट के तहत लाल रंग का फीता बांधकर बच्चों को पौधों की रक्षा का संकल्प दिलातीं सहायक अध्यापिका निशंका जैन
शिक्षिका बच्चों को विजुअल इफेक्ट के माध्यम से पढ़ाई करा पौधों की अहमियत भी समझा रही हैं। कई लोगों ने इनके प्रयास से प्रेरित होकर पौधों की रक्षा का संकल्प लिया है। बेहतर कार्यों के लिए शिक्षिका को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है।’
महेंद्र प्रताप सिंह, प्रधानाचार्य