एएसपी ने शुरू की जांच बढ़ी बीएसए की मुश्किल
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे बीएसए सिद्धार्थनगर की मुश्किल बढ़ गई है। एएसपी/सीओ कैंट रोहन प्रमोद बोत्रे अब इस मामले की जांच करेंगे। एसटीएफ से मिले साक्ष्य की पड़ताल चल रही है। जल्द ही बीएसए के साथ ही आरोपित बाबुओं से पूछताछ हो सकती है।
सोमवार को एसटीएफ गोरखपुर ने सिद्धार्थनगर बीएसए के स्टेनो हरेंद्र सिंह, कुशीनगर, अहिरौली के बरवा बांवर निवासी सच्चिदानंद पांडेय, चिलुआताल, मानबेला निवासी अवधेश मिश्र, बलरामपुर जिले के रतनपुर गौरा निवासी बाबूलाल चौधरी, गोंडा के तरबगंज, जमुथा निवासी चंद्रदेव पांडेय को गोरखपुर क्लब के पास गिरफ्तार किया था। मूलरूप से बस्ती जिले के हरैया के हरेंद्र के पास से 2.50 लाख रुपये, फर्जी प्रमाण पत्र, स्कॉर्पियो गाड़ी और कई जनप्रतिनिधियों के लेटर पैड मिले थे। बरामद रुपये हरेंद्र ने उस्का बाजार के प्राथमिक विद्यालय विभटिया में फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे सच्चिदानंद पांडेय से लिए थे। जांच में पता चला कि सच्चिदानंद ने अपना प्रमाण पत्र ठीक कराने और रिश्तेदार सुरभि उपाध्याय की नौकरी लगवाने के लिए दिए थे, लेकिन एसटीएफ ने रिश्वत देने के दौरान ही दबोच लिया। एसटीएफ इंस्पेक्टर ने कैंट थाने में आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। मंगलवार दोपहर बाद सभी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज होने की वजह से विवेचना सीओ कैंट को मिली है। बुधवार को उन्होंने इस प्रकरण की जांच शुरू कर दी। एसटीएफ से मिले साक्ष्य का अध्ययन कर फर्जीवाड़े में शामिल आरोपितों को चिह्न्ति किया। सभी से पूछताछ होगी। सूची में बीएसए सिद्धार्थनगर रामसिंह, बाबू सुशील, अश्वनी, प्रतापगढ़ के रहने वाले दलाल हिमांशु व बर्खास्त शिक्षक राकेश सिंह का नाम सबसे ऊपर है।
एसटीएफ से मिले साक्ष्य की जांच-पड़ताल चल रही है। भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे बीएसए, बाबुओं व अन्य लोगों से पूछताछ होगी। रैकेट में शामिल कोई भी आरोपित बचेगा नहीं।
रोहन प्रमोद बोत्रे, एएसपी
गोरखपुर के रहने वाले शिक्षक ने कराई कई फर्जी नियुक्ति
फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में गोरखपुर के एक शिक्षक का भी नाम सामने आया है। बीएसए के स्टेनो हरेंद्र ने बताया कि शिक्षक के जरिये कई फर्जी नियुक्ति हुई है। पुलिस आरोपित शिक्षक के बारे में जानकारी जुटा रही है।