कस्तूरबा में छह घंटा चला हाई वोल्टेज ड्रामा, नए वार्डेन ने लिया चार्ज
संसू, लालगंज: लालगंज तहसील क्षेत्र के सरायजानती गांव में स्थित कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में तमाम खामियों के मिलने के बाद दो शिक्षिकाओं सहित चार लोगों को बर्खास्त कर दिया गया। इस कार्रवाई के चौबीस घंटे बाद ही गुरुवार को नई वार्डन को चार्ज दिलाने पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारियों को हाई वोल्टेज ड्रामा का सामना भी करना पड़ा। हालांकि नई वार्डेन को चार्ज भी दिला दिया गया और बर्खास्त शिक्षकाओं समेत चारों कर्मचारी वहां से बाहर निकाल दिए गए।
डीएम मार्कंडेय शाही ने कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में अनियमितता की शिकायत मिलने पर जांच बैठा दी थी। जांच में सारे आरोप सही पाए गए तो डीएम ने वार्डन प्रतिभा कुशवाहा, शिक्षिका प्रियंका त्रिपाठी व जूही सिंह एवं सहायक रसोईया प्रीति सिंह को बर्खास्त कर दिया। बर्खास्त कर्मचारियों को विद्यालय से अवमुक्त करने एवं नए वार्डेन को चार्ज दिलाने के लिए गुरुवार सुबह नौ बजे खंड शिक्षाधिकारी सदर सीमा गौतम व लक्ष्मणपुर के खंड शिक्षाधिकारी गौतम प्रसाद आवासीय विद्यालय पहुंचे। वहां पर बर्खास्त शिक्षिकाओं की समर्थक छात्रओं का एक गुट सामने आ गया और उनका नाटकीय ढंग से विलाप शुरू हो गया। बर्खास्त वार्डेन, शिक्षिकाओं व रसोईया की बहाली को लेकर जिद करने लगीं। दोनों अफसरों ने छात्रओं को समझाना शुरु किया, उनका ड्रामा बढ़ने लगा। मामले की नजाकत को भांप अफसरों की सूचना पर महिला दारोगा व सिपाहियों के साथ कोतवाली लालगंज पुलिस भी वहां पहुंच गई। पुलिस के आने के बाद चार्ज देने के लिए वार्डेन को रोका गया और दोनों बर्खास्त शिक्षिकाओं को वहां से जाने के लिए कह दिया गया।
दोनों चुपचाप विद्यालय से चलीं गई। इसके बाद सांगीपुर कस्तूरबा आवासीय विद्यालय की वार्डेन ऐश्वर्य लक्ष्मी को लालगंज का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। चार्ज हस्तानांतरण के बाद बर्खास्त वार्डेन स्कूल से बाहर चली गईं। कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में बीते 19 सितंबर की सुबह विद्यालय में टंकी से जलापूर्ति बंद हो गई थी। इससे परेशान होकर उस दिन कुछ छात्रएं घर के लिए निकल पड़ी थीं। छात्रओं के इस विरोध का वीडियो वायरल कर दिया गया था। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया था और डीएम ने जांच का आदेश दे दिया था। ड शिक्षा अधिकारी मो. रिजवान ने जांच की तो छात्रओं ने उन्हें पानी और खानपान समेत कई समस्याएं गिनाई। उधर मामले को संज्ञान में लेकर डीएम ने एसडीएम लालगंज विनीत उपाध्याय, तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव व तत्कालीन नायब तहसीलदार बृजमोहन शुक्ला को जांच के आदेश दिए थे।
सभी की जांच के साथ खंड शिक्षा अधिकारी की जांच में भी स्टाफ में गुटबाजी व एमडीएम के अनुसार बच्चों को भोजन ना मिलना, कई कई दिनों तक रोटी न मिलना, इलाज में लापरवाही समेत कई समस्याएं खुलकर सामने आ गई थीं। इन सब से वहां शिक्षा का माहौल भी ठीक नहीं रह गया था। अधिकारियों की जांच रिपोर्ट के बाद डीएम ने बर्खास्तगी की कार्रवाई की।
’>>डीएम ने दो शिक्षिकाओं सहित चार कर्मचारियों कर दिया था बर्खास्त
’>>अनियमितताओं को लेकर हुई बड़ी कार्रवाई के बाद लिया गया कठोर निर्णय
बर्खास्त वार्डेन, शिक्षिकाओं व रसोईयां को कार्यमुक्त कर दिया गया। सभी स्कूल से चली गईं। नई तैनाती तक सांगीपुर कस्तूरबा विद्यालय की वार्डेन को यहां का भी चार्ज दिया गया है। इस बीच वहां मौजूद 34 छात्रओं के माध्यम से नाटकीय ढंग से कई घंटे तक बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली की जिद की गई। एहतियातन पुलिस को भी बुला लिया गया था। अब वहां सब ठीक हो गया है। छात्रओं को भी समझा कर शांत करा दिया गया है।
-गौतम प्रसाद, खंड शिक्षाधिकारी लक्ष्मणपुर।