इस स्कूल में हर बच्चे के नाम पर एक पौधा, सुबह स्कूल में प्रार्थना से पहले बच्चे पौधों की करते हैं पूजा
इस स्कूल में हर बच्चे के नाम पर एक पौधा
यमुनानगर, हरियाणा के दादूपुर काराजकीय मिडल स्कूल में बाल मन में पर्यावरण संरक्षण के सुंदर संस्कार रोप रहा है। यहां बच्चों का पौधों के प्रति इस तरह का लगाव है कि वह उनसे गले मिलते हैं। बातें करते हैं। अब तो इन छात्र-छात्रओं ने इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है। सुबह स्कूल में प्रार्थना से पहले बच्चे पौधों की पूजा करते हैं। दोपहर को खाना खाने के बाद पानी देते हैं।
इस स्कूल के प्रांगण में सैकड़ों पौधे लगे हैं। स्कूल के बच्चों ने ही इन्हें रोपा है और वे ही इनकी देखभाल करते हैं। हर पौधे पर एक बच्चे के नाम की पट्टिका लगी है। पर्यावरण संरक्षण की अनूठी मिसाल पेश कर ये बच्चे अब स्थानीय लोगों के दिलों में भी प्रकृति के प्रति प्रेम की अलख जगा रहे हैं।
यह मुहिम 2018 में शुरू हुई। स्कूल के बच्चों ने अलग-अलग किस्म के पौधे स्कूल के लंबे-चौड़े प्रांगण रोपे। इनमें पीपल, कदम, नींबू, अमरूद, आंवला, अजरुन के पौधे शामिल हैं। इस मुहिम के तहत स्कूल के करीब 100 बच्चों ने एक-एक पौधा लगाया। तब से यह मुहिम जारी है। हेडमास्टर कृष्ण लाल सैनी और शिक्षक अमर पाल ने अन्य शिक्षकों के साथ बैठक की। तय किया कि पौधे लगाने से अधिक जरूरी है इनकी देखभाल। पौधे तभी बच सकेंगे, जब इन्हें रोपने वाले बच्चे इनके प्रति संवेदनशील हो इनकी देखरेख भी करेंगे। फिर बच्चों को ही पौधों को बचाने का दायित्व सौंपा गया। शिक्षकों का यह प्रयास रंग लाया और देखते ही देखते स्कूली बच्चों ने पौधों को अपना दोस्त बना लिया। अब स्कूल में लगे हर पौधे पर बच्चों के नाम की पट्टिका लगी है। बच्चों ने ही इसे लगाया है। जब पौधों पर नाम लिखे गए, तो इसका असर भी हुआ।
स्कूल में पौधों की देखरेख में जुटे स्कूली बच्चे ’ जागरण
बच्चों ने ही इन्हें रोपा है और वे ही इनकी देखभाल करते हैं, हर पौधे पर एक बच्चे के नाम की पट्टिका लगी है
दैनिक प्रार्थना का हिस्सा बनी पौधों की वंदना
बच्चों को जब शिक्षकों ने यह बताया कि भारतीय संस्कृति में तो पेड़-पौधों को भी पूज्य माना जाता है, तब बच्चों ने इस बात को आत्मसात करना शुरू कर दिया। अब वे स्कूल की दैनिक प्रार्थना से पहले अपने-अपने पौधे को पानी देने के साथ उसकी वंदना भी करते हैं। प्रशासन ने इस तरह की मुहिम को अन्य स्कूलों में भी शुरू करने की बात कही है।