पूरे सेवाकाल में वेतन नहीं पाने वाला शिक्षक कोर्ट में जीता
नई दिल्ली, आइएएनएस : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के एक सेवानिवृत्त शिक्षक को बड़ी राहत दी है। गोपाल कृष्ण गोखले नामक इस शिक्षक को नियुक्ति से लेकर सेवानिवृत्ति तक कभी वेतन ही नहीं मिला था। अब शीर्ष अदालत ने उनके पूरे वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया है।
जस्टिस अरुण मिश्र और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने यह आदेश दिया है। बिहार के सलेमपुर स्थित भरत मिश्र संस्कृत कॉलेज में जुलाई 1980 में गोखले की नियुक्ति हुई थी और वह जुलाई 2013 में रिटायर हो गए थे। 72 वर्षीय गोखले के वकीलों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कॉलेज प्रबंधन उनके बकाए भुगतान को लेकर सहयोग नहीं कर रहा है। उनके एक अन्य वकील ने बताया कि एक अन्य प्रवक्ता से कानूनी लड़ाई के चलते गोखले के बकाए का भुगतान नहीं हो सका है। दरअसल, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध इस कॉलेज में 31 जुलाई, 1980 को गोखले के साथ ही प्रेम कुमारी की नियुक्ति भी प्रवक्ता पद पर हुई थी। विज्ञापन एक पद इतिहास के प्रवक्ता के लिए निकला था। प्रेम कुमारी की नियुक्ति इतिहास के प्रवक्ता के पद पर हुई थी। उसी दिन कॉलेज की प्रबंधन समिति ने गोखले की नियुक्ति भी कर दी थी। प्रेम कुमारी का कहना था कि गोखले अर्थशास्त्र के प्रवक्ता थे, जिसका विज्ञापन ही नहीं निकला था। उनका यह भी कहना था कि विश्वविद्यालय से गोखले की नियुक्ति को कभी मंजूरी ही नहीं मिली। जबकि, गोखले ने प्रेम कुमारी की नियुक्ति को चुनौती देते हुए कहा था कि नियुक्ति के समय वह पोस्ट ग्रेजुएट भी नहीं थी। बाद में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने गोखले की नियुक्ति को रद कर उसे अस्थायी कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया वेतन भुगतान का आदेश, एक पद पर दो नियुक्ति से कानूनी लड़ाई में फंस गया था मामला