विद्यालय में शुद्ध पेयजल का संकट
जासं, बिस्कोहर-इटवा, सिद्धार्थनगर : भनवापुर विकास खंड अन्तर्गत ग्राम कानभारी स्थित प्राथमिक विद्यालय के बच्चे शुद्ध पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। छात्र-छात्रओं की प्यास देसी नल के सहारे बुझती है, जिसकी शुद्ध पहले ही सवालों के घेरे में है। दूषित जल कब बच्चों की सेहत बिगाड़ दे, कुछ कहा नहीं जा सकता है।
विद्यालय में बच्चों का नामांकन करीब 120 है। चारों तरफ से गंदगी से घिरे विद्यालय में इण्डिया मार्क हैंडपंप लगा हुआ है, ऊपर उसका ऊपरी हिस्सा टूटा है। महीनों से हैंडपंप खराब है। थोड़ी दूरी पर एक और हैंडपंप लगा है, पहले बच्चे उसी से अपनी प्यास बुझा लेते थे, परंतु इधर वह भी बहुत दिनों से खराब होकर बेमतलब बना हुआ है। जिसकी वजह से मध्याह्न भोजन बनने की व्यवस्था से लेकर बच्चों को पीने के लिए देसी नल के पानी का ही इस्तेमाल करना पड़ रहा है। हैंडपंप ठीक कराने की दिशा में जल निगम विभाग पहले ही अपना पल्ला झाड़ चुका है, जबकि ग्राम पंचायत इसे दुरुस्त कराने की दिशा में उदासीन बनी हुई है।
खण्ड विकास अधिकारी रामदेव भारती का कहना है कि दो दिन के अंदर हैंडपंप को ठीक कराने के लिए संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी को निर्देशित किया गया है।
थोड़ी दूर पर लगा दूसरा बेमतलब हैंडपंप
कानभारी बेमतलब हैंडपंप ’ जागरण