स्कूल हुए जलमग्न, नावों से पहुंच रहे शिक्षक
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : गंगा और यमुना में बढ़ते जलस्तर के चलते जिले के 43 परिषदीय स्कूलों को बाढ़ के पानी ने घेर लिया है। स्कूलों के कक्षों में पानी भर गया है। स्कूल जलमग्न हो जाने से वहां पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो गई है। दूसरी तरफ अवकाश घोषित न होने से इन स्कूलों में तैनात शिक्षक जोखिम भरी नाव की सवारी करने को मजबूर हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हो रहे अफसरों के औचक निरीक्षण के भय के चलते गुरुजी जरूर पहुंच रहे हैं लेकिन बच्चों का अता पता नहीं रहता है।
जिले की सदर, खागा और ¨बदकी तहसील के कटरी इलाकों में बाढ़ की विभीषिका से परिषदीय स्कूल बच नहीं पाए हैं। बैराजों से छोड़े गए पानी के चलते गंगा और यमुना नदियों में उफान गया गया है। ¨बदकी तहसील में अमौली और देवमई तथा सदर में बहुआ और असोथर के साथ खागा तहसील में विजयीपुर ब्लाक के करीब 600 विद्यालय कटरी क्षेत्र में संचालित हो रहे हैं। 2650 परिषदीय विद्यालयों में 43 विद्यालय ऐसे चिन्हित किए गए हैं जो बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। असोथर के कोर्राकनक, ललौली, दसौली आदि गांवों के प्राथमिक विद्यालयों के रास्तों में पानी भर गया है तो इसी तरह असोथर ब्लाक के ही प्राथमिक विद्यालय गोकन आदि में बाढ़ का पानी कक्षों तक घुस गया है। विजयीपुर ब्लाक के गढ़ा, कोट, दौलतपुर आदि बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हैं। जहां पर उन्हें बैठने तक का स्थान नहीं मिल पा रहा है।
बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित स्कूलों की सूची बनवाई जा रही है। वहीं खंड शिक्षाधिकारियों को पल पल की रिपोर्ट से अपडेट रहने को कहा गया है। कोई अनहोनी न होने पाए इसके लिए पढ़ाई सुरक्षित स्थान में ही कराने का निर्देश दिया गया है।
बाढ़ में उखड़े मार्गों के लिए पीडब्ल्यूडी मांगेगा बजट: यमुना नदी की बाढ़ से दो मुख्य समेत 8 संपर्क मार्ग चपेट में आ गए हैं। जिनमें नदी का पानी भर गया है। इससे क्षेत्र के 20-25 गांव व मजरों के लोगों का आवागमन प्रभावित हो गया है। लगातार जलभराव से इन मार्गों का डामर उखड़ जाने की पूरी संभावना है। पानी कम होते ही ग्रामीणों को जर्जर मार्ग से सामना करना पड़ेगा। पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन सुनीलदत्त ने कहा कि जलभराव से डूबे मार्गो के निर्माण कराने के लिए इस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा जाएगा। बांदा-चिल्ला मार्ग, कोर्राकनक-मुत्तौर मार्ग के अलावा मैनाही का डेरा, भूप का डेरा, उरौली, पल्टू का डेरा समेत कई संपर्क मार्गों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। इन मार्गों में भरा पानी खत्म होता है, उनका इस्टीमेट बनाने का काम शुरू हो जाएगा।
प्राथमिक विद्यालय गोकन में भरा बाढ़ का पानी ’ जागरण
’>>43 स्कूलों के सामने खड़ी हुई संचालन की स्थिति
’>>कटरी के गांवों में पहुंचना हुआ मुश्किल
आपदा के चलते लेखपाल संघ ने टाला आंदोलन
संवाद सहयोगी, खागा : यमुना नदी में बाढ़ के चलते कई गांव प्रभावित हैं। आला-अधिकारियों द्वारा प्रभावित गांवों में निगरानी के साथ ही राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है। बाढ़ जैसी आपदा को देखते हुए आगामी 20 सितंबर से उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ का प्रस्तावित आंदोलन स्थगित हो गया। संघ के तहसील अध्यक्ष दिनेश सिंह, मंत्री अशोक कुमार सिंह व पदाधिकारियों ने इस आशय की लिखित सूचना एसडीएम विनय गुप्त को देकर आपदा कार्यो में सहयोग की बात कही है। अध्यक्ष ने बताया कि लंबित मांगें पूर्ण न होने पर संघ द्वारा शुक्रवार से आंदोलन की तैयारी थी। बाढ़ जैसी आपदा से घिरे लोगों के बीच पहुंचकर उनकी मदद करने के लिए संघ ने प्रस्तावित आंदोलन को स्थगित कर दिया है।