परखा जाएगा परिषदीय विद्यालयों के बच्चों का ज्ञान
जागरण संवाददाता, महराजगंज: परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के बाद अब प्रशासन का सारा फोकस बच्चों के बौद्धिक विकास पर है। इसके लिए जिलाधिकारी ने कार्ययोजना तैयार की है। कक्षा एक से लेकर आठ तक के बच्चों को क्या-क्या आने चाहिए, इन ¨बदुओं को रेखांकित करते हुए निरीक्षण के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। शासन परिषदीय विद्यालयों की व्यवस्था और शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर गंभीर है। इसके तहत शासन द्वारा नित नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जिलाधिकारी ने भी कक्षावार बच्चों को पढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम जारी कर अनूठी पहल की है और अधिकारियों को निरीक्षण का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय ने कहा कि बच्चों को क्या पढ़ाना है, इसके लिए शिक्षकों को पाठ्यक्रम जारी कर दिया गया है। साथ ही बच्चों के बौद्धिक विकास की परख के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की अनूठी पहल
ज्ञान की कसौटी पर कसेंगे शिक्षक
कक्षा एक के बच्चों को वर्णमाला, अक्षर ज्ञान, हंिदूी अंग्रेजी, एक से 100 तक गिनती पढ़ने और लिखने की जानकारी होनी चाहिए। कक्षा दो के बच्चों को शब्द रचना, वाचन, लेखन, पांच तक पहाड़ा, उल्टी, सीधी गिनती पढ़ने और लिखने तथा सुलेख हंिदूी व अंग्रेजी आनी चाहिए। कक्षा तीन के बच्चों को वाक्य रचना, 10 तक पहाड़ा, आलेख, सुलेख, हंिदूी व अंग्रेजी पाठ का ज्ञान आवश्यक है। कक्षा चार में अनुच्छेद लेखन, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, विलोम, आलेख, सुलेख, 15 तक पहाड़ा पढ़ना और लिखना आना चाहिए। साथ ही हंिदूी व अंग्रेजी पाठ का वाचन भी आना चाहिए। कक्षा के पांच के बच्चों को अनेकार्थी शब्द, मुहावरा, समानार्थी शब्द, 20 तक पहाड़ा पढ़ने और लिखने, कविता निबंध पाठन कर लेना, भाषण, वाद विवाद, हंिदूी अंग्रेजी पाठ का वाचन का ज्ञान होना चाहिए। कक्षा छह के बच्चों को सम-सामायिक ज्ञान, सामान्य ज्ञान, विज्ञान, इतिहास, भूगोल की सामान्य जानकारी, पाठ्य पुस्तक के अनुसार गणित, हंिदूी व अंग्रेजी तथा जनपद के संबंध में सामान्य जानकारी होनी चाहिए। कक्षा सात में पाठ्यक्रम विभाजन के अनुसार विषय ज्ञान, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, समास, संधि, तत्सम, हंिदूी, अंग्रेजी पाठ्य पुस्तक से पाठों का वाचन, भाषण, वाद-संवाद, निबंध, लेखन, चित्रकला, श्रुतिलेख, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, शारीरिक शिक्षा, व्यायाम आदि का ज्ञान होना चाहिए। कक्षा आठ के बच्चों में कक्षा सात के उल्लिखित विषयों के अतिरिक्त प्रदेश व देश के संबंध में जानकारी होनी चाहिए। शारीरिक शिक्षा, योग शिक्षा, ज्ञान का व्यवहारिक पक्ष, सामाजिक जागरूकता, हंिदूी व अंग्रेजी व्याकरण आनी चाहिए।