प्रस्तावित नई शिक्षा नीति पर केंद्र को मिला राज्यों का साथ
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: प्रस्तावित नई शिक्षा नीति लागू करने को लेकर केंद्र सरकार ने फिलहाल एक और बड़ा पड़ाव पार कर लिया है। केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (कैब) ने शनिवार को प्रस्तावित नई शिक्षा नीति को कुछ नए सुझावों के साथ अपनी सहमति दे दी है। सबसे अहम सुझाव स्कूलों की महंगी ड्रेस और किताबों पर अंकुश लगाने को लेकर है। इस पर ज्यादातर राज्यों ने सहमति दी है। साथ ही इसे नीति का हिस्सा बनाने पर जोर दिया है। निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर अंकुश के लिए प्रस्तावित नीति में पहले से ही सिफारिश की गई है।
कैब की यह बैठक इसलिए भी अहम है, क्योंकि यह प्रस्तावित नई शिक्षा नीति को अंतिम रूप देने के लिए विशेष रूप से बुलाई गई थी। सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री इसके सदस्य होते हैं। हालांकि इस बैठक में सभी राज्यों को बुलाया गया था, लेकिन 19 राज्यों के करीब 26 शिक्षा मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी ही इस बैठक में पहुंचे थे। अमूमन यह बैठक राज्यों के साथ सालाना होती है, जिसमें राज्यों की ओर से वित्तीय मदद या शिक्षा में सुधार से जुड़े प्रस्ताव दिए जाते हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद इसे कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। बैठक को मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी संबोधित किया और राज्यों से नीति पर लंबी चर्चा की। बता दें कि प्रस्तावित नई शिक्षा नीति चार सालों की मेहनत के बाद 31 मई 2019 को सरकार को सौंपी गई। यह नीति इसरो के पूर्व प्रमुख और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने तैयार की है।
कैब की बैठक में पहुंचे संस्कृति और खेल मंत्री: बैठक में केंद्रीय संस्कृति और पयर्टन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल और खेल एवं युवा मंत्री किरन रिजिजू ने भी हिस्सा लिया।
’ स्कूलों की महंगी ड्रेस और किताबों पर अंकुश लगाने पर बनी सहमति
’ निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर अंकुश के लिए प्रस्तावित नीति में पहले से ही की गई है सिफारिश