जिले में 13 राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं। 13 स्कूलों में वर्तमान में पांच विद्यालय उधारी परिषदीय भवन में संचालित किए जा रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि जिले में 13 विद्यालय में 13 शिक्षकों के सहारे 9वीं एवं दसवीं के छात्रों को सभी विषयों की शिक्षा कैसे मिल रही है। शिक्षकों की कमी बच्चों की शिक्षा के लिए अभिभावकों में अबूझ पहेली बनी हुई है। सभी राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मुखिया विहीन है। सहायक अध्यापक के सहारे स्कूल संचालित हो रहे हैं। इनमें तीन विद्यालय ऐसे हैं जो राजकीय इंटर कालेज के एलटी ग्रेड शिक्षक को प्रभारी प्रधानाचार्य बनाकर काम लिया जा रहा है।
जिले के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक कर्मचारी के लिए प्रधानाचार्य की संख्या 13, एलटी ग्रेड शिक्षक 91, कनिष्ठ लिपिक 13 एवं अनुचर 26 के पद सृजित हैं।
इनमें प्रधानाचार्य के 13 पदों में मात्र तीन एलटी ग्रेड शिक्षक के 91 पद के सापेक्ष 13 की तैनाती है। कनिष्ठ लिपिक के13 पदों में एक भी तैनाती नीं है। 26 अनुचरों में मात्र दो की तैनाती है। अध्यापकों की कमी होने के कारण एक ही अध्यापक सभी विषयों को बच्चों को पढ़ाकर कोरम पूरा करते हैं।