लखनऊ : स्वेटर बंटने के इंतजाम ठंडे ठिठुरेंगे 1.87 लाख बच्चे, जेम पोर्टल पर ई-टेंडर पास होने के बाद, लुधियाना की कंपनी ने नहीं दी सप्लाई, डीएम ने कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया
लखनऊ : स्वेटर बंटने के इंतजाम ठंडे ठिठुरेंगे 1.87 लाख बच्चे
जासं, लखनऊ : सर्दी की दस्तक के बाद भी राजधानी में परिषदीय विद्यालयों में स्वेटर बंटने के इंतजाम भी ठंडे हो गए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के दावे के बाद भी नवंबर में स्वेटर नहीं बंट पाएंगे। इसलिए आगामी माह में 1.87 लाख बच्चे ठिठुरते नजर आएंगे। क्योंकि जेम पोर्टल पर ई-टेंडर पास होने के बाद लुधियाना की कंपनी केकेके मिल्स सप्लाई नहीं दे रही है। बीएसए डॉ. अमरकांत सिंह की रिपोर्ट के बाद जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने केकेके मिल्स कंपनी को ब्लैक लिस्टेड घोषित कर जेम पोर्टल से उसका रजिस्ट्रेशन रद करा दिया है।
छह कंपनियों ने किया था आवेदन : बीएसए ने बताया कि स्वेटर की ई-टेंडरिंग के लिए जेम पोर्टल पर छह कंपनियों ने आवेदन किया था। इसमें दो अपात्र थीं। तीन के रेट नहीं ठीक थे। छठी कंपनी लुधियाना की केकेके मिल्स का चयन हुआ था। टेंडर पास होने के बाद भी उसने सप्लाई नहीं दी। नवंबर में बच्चों को स्वेटर बंटने थे।
इन मानकों पर खरा उतरना होगा कंपनी को : शासन से प्रति स्वेटर का 200 रुपये भुगतान होता है। इसके साथ ही स्वेटर का मानक 30 फीसद ऊन और 70 फीसद एक्रेलिक होता है। इस मानक के अनुरूप कंपनी को स्वेटर सप्लाई करने होते हैं।
गत वर्ष जनवरी में बंटे थे स्वेटर : बीते वर्ष भी ठंड में बच्चे ठिठुरते दिखे थे। ठंड जब खत्म होने को थी तो जनवरी माह में बच्चों को स्वेटर वितरण किया गया था। यह विभाग की बड़ी लापरवाही थी। बीते वर्ष का संज्ञान लेते हुए इस बार अधिकारियों ने नवंबर में स्वेटर वितरण का दावा किया था, पर इस बार भी वितरण व्यवस्था अधर में है।
जेम पोर्टल पर ई-टेंडर पास होने के बाद, लुधियाना की कंपनी ने नहीं दी सप्लाई, डीएम ने कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया
फिर से शुरू होगी टेंडरिंग प्रक्रिया
बीएसए ने बताया कि टेंडर रद होने के बाद अब नए सिरे से कंपनियों को आवेदन करने होंगे। सारे मानक पूरे करने वाली कंपनी को टेंडर आवंटित किया जाएगा। टेंडर आवंटन होते ही कंपनी को स्वेटर वितरण करने होंगे।