पीसीएस भर्ती 2018: संशोधित होगी महिला अभ्यर्थियों की सूची
विसं, लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ ख्ांडपीठ ने सोमवार को उत्तर प्रदेश पीसीएस भर्ती 2018 की प्रारंभिक परीक्षा के संबंध में महिला अभ्यर्थियों की चयन सूची को संशोधित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में उत्तर प्रदेश की अधिवासी महिला अभ्यर्थियों को आरक्षण प्रदान करने वाले शासनादेश को प्रभावहीन माना है।
यह आदेश जस्टिस विवेक चौधरी की बेंच ने खुशबू बंसल की याचिका पर पारित किया। याची के अधिवक्ता बीआर सिंह ने बताया कि प्रारंभिक परीक्षा की चयन सूची 30 मार्च 2019 को जारी की गई थी। इसमें नौ जनवरी 2007 के शासनादेश के अनुसार प्रदेश में निवास करने वाली महिला अभ्यर्थियों को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था, जबकि 16 जनवरी 2019 को ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नौ जनवरी 2007 के इस शासनादेश को खारिज दिया था। याची की ओर से तर्क दिया गया था कि प्रारंभिक परीक्षा में उसे 116 अंक मिले और महिला अभ्यर्थियों का कटऑफ अंक भी 116 ही था। कहा गया कि यदि निवास प्रमाणपत्र महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था न दी जाती तो वह सफल अभ्यर्थियों की सूची में होती। दूसरी ओर यूपी लोकसेवा आयोग के अधिवक्ता अशोक शुक्ला की ओर से याचिका का यह कहते हुए विरोध किया गया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के पूर्व ही चयन सूची पर कार्यवाही पूर्ण कर ली गई थी। याची के अधिवक्ता के मुताबिक कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद नौ जनवरी 2007 के शासनादेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट के 16 जनवरी 2019 के फैसले के क्रम में प्रभावहीन पाया और महिला अभ्यर्थियों की चयन सूची को संशोधित करने का आदेश दिया है।